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चेंपा का भी असर
धूप का असर बढऩे के साथ ही चेंपे का भी असर दिखने लगा है। इसके चलते राहगीरों व वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी होने लगी। वाहन चलाते समय आंखों में चेंपा घुसने से कई लोग परेशान होकर आंखें मसलते देखे गए। चेंपे से बचने के लिए अधिकांश वाहन चालक चश्मा पहने नजर आए।
एक पखवाड़े पहले ही गर्मी
मौसम विभाग का मानना है कि इस साल कम बरसात के चलते सर्दी का असर भी कम रहा। जनवरी माह में भी सर्दी का खास असर नहीं रहा। फरवरी के प्रथम सप्ताह तक तो सर्दी का असर सिर्फ सुबह ९ बजे तक रहा। बाद में धूप रही। वर्तमान में मौसम परिवर्तन का जो दौर देखा जा रहा है। वह फरवरी के अंतिम सप्ताह, मार्च के प्रथम सप्ताह में दिखने को मिलता है।
मौसम विभाग का मानना है कि इस साल कम बरसात के चलते सर्दी का असर भी कम रहा। जनवरी माह में भी सर्दी का खास असर नहीं रहा। फरवरी के प्रथम सप्ताह तक तो सर्दी का असर सिर्फ सुबह ९ बजे तक रहा। बाद में धूप रही। वर्तमान में मौसम परिवर्तन का जो दौर देखा जा रहा है। वह फरवरी के अंतिम सप्ताह, मार्च के प्रथम सप्ताह में दिखने को मिलता है।
फसलों पर विपरीत असर
बदलते मौसम के चलते इस साल फसलों पर भी विपरीत असर अभी से ही दिख रहा है। कमजोर सर्दी के चलते फसलों की ठीक तरीके से बढ़वार नहीं हो पाई। गेहूं की फसल में जल्दी बालियां विकसित होने लगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कई खेतों में तो गेहूं के पौधे पकने लग गए हैं।
बदलते मौसम के चलते इस साल फसलों पर भी विपरीत असर अभी से ही दिख रहा है। कमजोर सर्दी के चलते फसलों की ठीक तरीके से बढ़वार नहीं हो पाई। गेहूं की फसल में जल्दी बालियां विकसित होने लगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कई खेतों में तो गेहूं के पौधे पकने लग गए हैं।
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मंडी आने लगा गेहूंइस साल गेहूं की फसल करीब एक पखवाड़ा जल्दी आने की संभावना है। भामाशाह मंडी में भी इस साल नए की १५ दिन पहले से ही आवक शुरू हो गई। जबकि मंडी में नए गेहूं की आवक मार्च माह में होती है।