थाने पहुंचे तो पता चला बेटमा सरकारी हॉस्पिटल के मुर्दा घर में शव रखे है। वहां पहुंचे तो दृश्य देख मन दुखी हुआ। नर्मदीदेवी का शव स्ट्रेचर पर रखा था। दो शव उनके दाहिने तरफ, तीन बाएं, तो उनके सिरहाने तरफ जमीन पर 2 लाश पड़ी थी। वहां पुलिस वाले शवों की पहचान कराने लाए थे। खून से लथपथ शव फर्श पर पड़े थे। उनके लिए वहां स्ट्रेचर तक की व्यवस्था नहीं थी। अपनों को इस हाल में देख मन कुंठित हो गया।
फिर पुलिसकर्मी ने कहा आप घटनास्थल देखना चाहेंगे। दुर्घटनाग्रस्त कार के आगे तंबाकू बिखरी मिली। ऐसा लग रहा है तंबाकू से भरे भारी वाहन से कार टकराई है।
इंदौर में हुए इस भीषण एक्सीडेंट के बाद ट्रक गायब हो गया। कार के अंदर किसी मृतक के सिर का हिस्सा पड़ा था। पुलिस जांच में केवल एक ही मृतक का कीपेड मोबाइल और नर्मदीदेवी के गहने मिले हैं।
फिर विचार आया की मदद करने आए लोगों के बीच कुछ ऐसे तत्व भी थे। जिन्होंने मरने वालों के मोबाइल, पर्स, नकदी तक कपड़ों से निकाल लिए। लेकिन शवों की दुर्दशा होती रही। सुबह करीब छह बजे पुलिस ने मिनी ट्रक अस्पताल भेजा। हम लोगों ने खुद ही शवों को ट्रक पर चढ़ाया। दोपहर तक हम सभी शव लेकर गुना के लिए रवाना हुए। शवों की हालत खराब हो चुकी थी। इस वजह से सभी ने रात में अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।