इस पर भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आजाद के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उनके अलावा केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान का समर्थन करते हुए कहा, ‘पत्थरबाजों और राष्ट्रीय हित के खिलाफ जो भी काम करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है।’
बता दें कि आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बुधवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन्स में बाधा डालने वालों को आतंकवादियों का सहयोगी समझा जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इस पर राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘पिछले साल 1000 बच्चों को स्प्लिन्टर्स लगे। 100-200 बच्चों की आंखें चली गईं। यह कहना कि हम कश्मीर के बच्चों को पकड़ लेंगे, इसे देश के लोग पसंद नहीं करेंगे।’
ये भी आपको बता दें कि इसी को लेकर सीआरपीएफ का भी बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि कश्मीर के कुछ हिस्सों में लोग आतंकवादियों के दबाव में आकर भागने में उनकी मदद करते हैं।