दोनों राज्यों द्वारा इंजीनियरिंग क्षेत्र में की गई प्रगति का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि आईसीजीएस एक ऐसी प्रणाली है जो पुलिस थानों, अदालतों, जेलों, अभियोजन पक्ष और फोरेंसिक साइंस प्रयोगशालाओं सभी को आपस में जोड़ देगी।
सुप्रीम कोर्ट की ई-कमिटी के अध्यक्ष और हैदराबाद में खुले देश के इस पहले ई-कोर्ट से बेहद प्रभावित न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि 28 जुलाई को होने वाली बैठक में इसकी कार्यप्रणाली तय की जाएगी। उन्होंने कहा यह सिर्फ इसलिए ई-कोर्ट नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत है, बल्कि इसलिए भी है, क्योंकि इसमें कागज की कहीं जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
हमने इसके काम करने के पूरे तरीके को कुछ देर समझा और इसे इस्तेमाल करने की कोशिश भी की। यह उपयोग में बेहद सरल है। मैं सभी न्यायाधीशों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करूंगा।