शिक्षा शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय अखिलेश दास ने 12 अक्टूबर 2010 को बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी की स्थापना की। अभी इससे इंजीनियरिंग, मेडिकल और डेंटल के साथ ही कई डिग्री कॉलेज संचालित हो रहे हैं। कुछ अरसे के लिए अखिलेश दास मायावती की बहुजन समाज पार्टी में भी शामिल हुए थे। बैडमिंटन के खिलाड़ी रह चुके अखिलेश दास भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे।
सियासी सफ़र 1979 से 1980 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे बनारसी दास गुप्ता के बेटे अखिलेश दास गुप्ता ने पांच नवंबर 2014 को मायावती पर राज्यसभा सांसद बनने के लिए सौ करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाकर बसपा छोड़ दी थी। उनका कार्यकाल 25 नवंबर 2014 को खत्म हुआ था। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले उनके बीजेपी से जुड़ने की अटकलें थीं। सोनिया गांधी के करीबी रहे अखिलेश दास पहली बार साल 1996 में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद बने।
2002 में लगातार दूसरी बार में राज्यसभा सदस्य बने। मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में उन्हें 2004 में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री का ओहदा दिया गया। कहा जाता है कि राहुल गांधी से मतभेद के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था। राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने पर वे नवंबर 2008 में बसपा में शामिल हो गए थे। अखिलेश दास पर लखनऊ का मेयर रहते हुए नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे।