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जय शाह का काम बोलता है, उनके नेतृत्व में आईसीसी के अच्छे दिन आने वाले हैंः रोहन देसाई

– गोवा क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी रोहन गौंस देसाई ने आईसीसी के नए चेयरमैन चुने गए जय शाह की खूबियों की दी जानकारी

– रोहन देसाई बोले- साइलेंट रहकर बड़े कार्य करने में यकीन रखते हैं जय शाह, अब दुनिया के और देशों में होगा क्रिकेट का दबदबा

नई दिल्लीSep 16, 2024 / 04:35 pm

Navneet Mishra

नई दिल्ली। एक दिसंबर को आईसीसी चेयरमैन के रूप मे क्रिकेट की दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स बनने जा रहे जय शाह को लेकर भले ही विरोधी तमाम तरह के सवाल उठाएं, लेकिन उन्होंने अपना दमखम साबित किया है। गोवा क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी रोहन गौंस देसाई का कहना है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सेक्रेटरी के रूप में जय शाह ने जिस तरह से बोल्ड फैसलों से शानदार क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर की पहचान बनाई, उससे साफ है कि उनके नेतृत्व में आईसीसी के अच्छे दिन आने वाले हैं। जय शाह के चैयरमैन रहते आईसीसी उपलब्धियों का रिकॉर्ड बनाएगा।
रोहन देसाई ने एक इंटरव्यू के दौरान जय शाह के कार्य करने के तरीके पर चर्चा की। रोहन ने बताया कि जब विदेश में टी 20 वर्ल्ड कप चल रहा था, तब जय शाह 35 घंटे की फ्लाइट लेकर मुंबई पहुंचते और बीसीसीआई की मीटिंग कर फिर वापस लौट जाते। वर्ल्ड कप आयोजन स्थल पर रहकर खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करने से लेकर अपने बीसीसीआई सचिव की जिम्मेदारी निभाने में कहीं कोई कोर कसर बाकी नहीं रखते थे। रोहन देसाई ने जय शाह से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए। पेश है इंटरव्यू के अंश।
सवाल- आईसीसी चेयरमैन के रूप में जय शाह की भावी भूमिका को किस रूप में देखते हैं?

जवाब- गोवा क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी के रूप में मुझे करीब 2 साल से उनके साथ कार्य करने का मौका मिला है। दो एनुअल जनरल मीटिंग भी अटेंड कर चुका हूं। इस दौरान मुझे उन्हें नजदीक से जानने-समझने का मौका मिला है। बहुत ही व्यवहार कुशल और सहज और सरल इंसान हैं। कोई भी समस्या बताओ तो तुरंत सॉल्यूशन देते हैं। मैं गोवा को लेकर कुछ चर्चा करता हूं तो उनका एक ही जवाब होता है- यू हैव टू डू इट….। उनकी जुबान पर हमेशा यस होता है, नो नहीं। मुझे लगता है कि उनके नेतृत्व में आईसीसी के अच्छे दिन आने वाले हैं।
सवाल- संकट के समय जय शाह किस तरह का नेतृत्व दिखाते हैं? कोई उदाहरण आप पेश कर सकते हैं?

जवाब- जय शाह भाई कई मौकों पर खुद संकट मोचक( ट्रबल शूटर) बन जाते हैं। जुलाई में वेस्टइंडीज में टी-20 वर्ल्डकप जीतने के बाद भारतीय टीम वापसी की तैयारी करती कि कैरेबियाई आइलैंड्स के दक्षिण-पूर्व तट पर बेरिल नाम का चक्रवाती तूफान आ गया। तूफान के कारण हवाई यात्रा बाधित हो गई। भारतीय खिलाड़ी और मीडिया वाले फंस गए थे। तब जय शाह ने एक शानदार नेतृत्व क्षमता दिखाते हुए कहा था कि वे तभी बाराबाडोस से जाएंगे, जब सभी खिलाड़ियों और मीडिया वाले स्वदेश लौट सकेंगे। जय शाह ने स्पेशल प्लेन की व्यवस्था कराई। उस प्लेन से खिलाड़ियों के साथ भारतीय पत्रकारों की भी उन्होंने वापसी कराई। यह नेतृत्व क्षमता ही नहीं उनकी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।
सवाल- विरोधियों का यह भी कहना है कि जय शाह अपनी प्रतिभा से नहीं बल्कि पिता अमित शाह के प्रभाव की वजह से पहले बीसीसीआई पहुंचे और फिर आईसीसी जा रहे।

जवाब- कुछ तो लोग कहेंगे….लोगों का काम है कहना। किसी बड़े नेता का पुत्र होना क्या गुनाह है? जय शाह अपनी काबिलियत के दम पर क्रिकेट प्रशासन की दुनिया में आगे बढ़े हैं। अगर जय शाह को सिर्फ जुगाड़ से पद मिला होता तो वो बीसीसीआई सेक्रेटरी के रूप में कभी भी छाप न छोड़ पाते और इतने मशहूर नहीं हो पाते। आज क्रिकेट की दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गज भी बीसीसीआई सेक्रेटरी के रूप में उनके कार्यकाल की सराहना करते हैं। वे अब तक के सबसे सफल सेक्रेटरी साबित हुए हैं।
सवाल- जय शाह के वे कौन से फैसले है, जिसकी वजह से आप उन्हें बीसीसीआई का सबसे सफल सेक्रेटरी मानते हैं?

जवाब- एक नहीं अनेक फैसले हैं। महिला और पुरुष क्रिकेट में भेदभाव का मामला लंबे समय से चला आ रहा था। अगर इसे किसी ने खत्म किया तो वो जय शाह ने किया। जय शाह ने पुरुष क्रिकेट के बराबर महिला क्रिकेट में फीस तय की है। महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की शुरुआत कराई। गोवा में भी आयोजन हुआ। पहले महिला क्रिकेट नजरअंदाज किया जाता था। जय शाह कमिटमेंट के पक्के हैं। टी 20 विश्व कप जिताने का वादा किए थे और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और सही फैसलों से यह भी कर भी दिखाया उन्होंने। कोचिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, खिलाड़ियों से पर्सनल कनेक्ट, पॉलिसी आदि मामलों में जय शाह का कोई जोड़ नहीं।
सवाल- आईसीसी चेयरमैन के रूप में जय शाह की क्या प्राथमिकताएं हो सकती हैं?

जवाब- 2028 के ओलंपिक में क्रिकेट भी शामिल हो रहा है। ओलंपिक में किस फॉर्मेट का क्रिकेट शामिल होगा, टीमों को चुनने का तरीका क्या होगा , कितनी टीमें भाग लेंगी जैसे निर्णय जय शाह की चेयरमैन कार्यकाल में होंगे। कई देशों में आज भी क्रिकेट उतना लोकप्रिय नहीं हैं। जय शाह कह चुके है कि वे दुनिया के अन्य देशों में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने की योजना पर कार्य करेंगे। जय शाह की जो कार्य करने की स्टाइल है, मुझे लगता है कि अब क्रिकेट ज्यादा देशों में खेला जाएगा। इसे हम ओलिंपिक के जरिए क्रिकेट को और ग्लोबल पहचान दिलान में सफल होंगे।

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