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जबलपुर

OFK : लापरवाही से बेपटरी हुई थी बमों से भरी ट्रेन

रेलवे ने पूरी की जांच, ओएफके प्रबंधन पर फोड़ा ठीकरा

जबलपुरMay 11, 2016 / 08:38 am

reetesh pyasi

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जबलपुर। दस दिन के अंतराल में सेना के बमों से भरी दो मालगाडि़यों के पटरी से उतरने के मामले की रेलवे ने जांच पूरी कर ली है। मार्च में हुई दोनों घटनाओं के लिए ओएफके को जिम्मेदार ठहराया गया है। रेल डिवीजन की तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद रेल प्रशासन ने इससे फैक्ट्री प्रबंधन को भी अवगत करा दिया है।

धंस गया ट्रेक, लकड़ी के स्लीपर- जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ओएफके प्रबंधन लगभग आठ दशक पुराने टै्रक के मेंटेनेंस को लेकर लापरवाही बरत रहा है। कई जगह रेल पांतें धंस गई हैं। अब तक पांतों में लकड़ी व लोहे के स्लीपर लगे हुए हैं। पुराने व जर्जर हो चुके स्लीपरों के कारण जब टे्रन गुजरती है, तो पटरी ऊपर नीचे होती है, जो कि हादसों का कारण बन रहा है।
 
मेंटेनेंस जरूरी- रेलवे ने ओएफके प्रबंधन को कहा है कि स्टेशन से फैक्ट्री तक गए रेल टै्रक का मेंटेनेंस जरूरी है। मेंटेनेंस न होने की स्थिति में कभी भी फिर से हादसा हो सकता है। रेलवे ने फैक्ट्री प्रबंधन से मेंटनेंस के लिए आधी राशि खर्च करने को कहा है। वर्ष 2015 में स्टेशन के पास बमों से भरी मालगाड़ी के डिब्बे पलटने और इस साल मार्च में पटरी से उतरने की दोनों घटनाओं को लेकर रेलवे को भी कम जिम्मेदार नहीं माना जा रहा है। रेलवे अफसर यदि गंभीरता बरतते तो इन दोनों हादसों को रोका जा सकता था। 

बेहद पुराना इंजन 
ओएफके प्रबंधन द्वारा जिस रेल इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे जांच रिपोर्ट में बेहद पुराना बताया गया है। उक्त इंजन में स्पीडो मीटर तक नहीं है और उसे चलाने वाले भी लोको पायलट की तरह पूरी तरह से एक्सपर्ट नहीं हैं। स्पीडोमीटर नहीं होने के कारण शंटिंग के दौरान गति का अंदाजा नहीं लग पाता है। बमों आदि हथियारों से भरे डिब्बों की शंटिंग के दौरान झटके लगने की स्थिति भी निर्मित होती है।

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