जबलपुर। सिंहस्थ के लिए उमड़ रही भीड़ के कारण जबलपुर से उज्जैन होकर चलने वाली ट्रेनें ठसाठस चल रही हैं। इन गाडि़यों में पैर रखने की जगह नहीं है। यात्रियों को टे्रनों में खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है। जिसे जहां जगह मिल रही है, वहीं कब्जा जमा रहा है। स्थिति यह है कि कोचों के टायलेट तक में सफर करने के लिए यात्री मजबूर हैं। कई लोगों को यात्रा रद्द भी करनी पड़ रही है।
जगह नहीं तो क्या करते…
मंगलवार को दोपहर बारह बजे जबलपुर से रवाना हुई सोमनाथ एक्सप्रेस में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। वेटिंग का आंकड़ा 321 पार कर जाने के बावजूद इस टे्रन में एक्स्ट्रा कोच नहीं लगाया गया। यात्री स्लीपर कोचों तक में कब्जा जमाए हुए थे। जनरल कोचों में घुसना तो किसी जंग जीतने के समान था। कोचों के गेट पर यात्री लटके हुए थे। आधे से ज्यादा कोचों के टॉयलेट में यात्रियों ने कब्जा जमा लिया था। टॉयलेट में सवार यात्रियों का कहना था कि कहीं जगह नहीं मिली तो यहीं बैठ गए।
पैर रखने की भी जगह नहीं
जबलपुर से जाने वाली सोमनाथ एक्सप्रेस में वेटिंग का आंकड़ा तीन सौ के ऊपर पहुंच गया है। बिलासपुर-इंदौर के बीच चलने वाली नर्मदा एक्सप्रेस की वेटिंग भी दो सौ को छू गई है। इन टे्रनों में 21 मई तक एक भी बर्थ खाली नहीं है। यही हाल जबलपुर-इंदौर के बीच चलने वाली ओवरनाइट एक्सप्रेस व पुरी-बलसाड़ साप्ताहिक सुपरफास्ट का भी है। पमरे की ओर से अभी तक टे्रनों में एक्स्ट्रा कोच लगाने या स्पेशल टे्रन चलाने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
स्पेशल ट्रेन चलाना जरूरी
जबलपुर सहित पूरे महाकोशल से हजारों लोग सिंहस्थ जा रहे हैं। टे्रनों में बर्थ नहीं मिलने से उन्हें दिक्कतों के बीच सफर पूरा करना पड़ रहा है। पिछले दस दिनों से रीवा से जबलपुर होकर उज्जैन तक स्पेशल टे्रन चलाने की मांग की जा रही है। इसके बाद भी पमरे के अफसर कुछ नहीं कर रहे हैं।
Hindi News/ Jabalpur / न एक्स्ट्रा कोच न स्पेशल ट्रेन, धक्के खा रहे यात्री