ग्वालियर. ग्वालियर से श्योपुर तक जाने वाली नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने की वर्षों से मांग उठ रही है, इसके लिए कवायदें भी की गई हैं, लेकिन इस वर्ष रेलवे ने जो विभागीय नक्शा जारी किया है उसमें नैरोगेज लाइन को ही श्योपुर से राजस्थान के कोटा के पास तक दर्शाया है।
यही नहीं पहली बार श्योपुर से कोटा के बीच नौ स्टेशन भी नक्शे में अंकित किए गए हैं, जबकि नैरोगेज श्योपुर तक ही संचालित की जाती है। लवे प्रतिवर्ष ही अपना वार्षिक नक्शा जारी करती है। जो विभागीय डायरियों में लगाया जाता है, लेकिन इस बार डायरी में लगे इस विभागीय नक्शे में नैरोगेज लाइन को श्योपुर से कोटा के दीगोद तक बढ़ा हुआ दिखाया गया है। बाकायदा नैरोगेज के नौ स्टेशन भी इसमें अंकित किए गए हैं।
अब विसंगति यह है कि नैरोगेज श्योपुर तक ही संचालित है। इसको ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने के लिए रेल मंत्रालय तक मंत्रणाएं चल रही हैं। ऐसे में रेलवे ने नैरोगेज लाइन को ही कोटा तक दर्शा दिया है, जबकि ब्रॉडगेज से संबंधित लाइन यहां नहीं दर्शाई गई है।
नक्शे के अनुसार ग्वालियर से चलकर मुरैना अंचल क्षेत्र से नैरोगेज लाइन गुजरते हुए श्योपुर तक गई है। पिछले वर्ष या अन्य वर्ष के नक्शे में यह लाइन श्योपुर तक ही है। इस बार कोटा तक बढ़ाई गई है। यहां बता दें कि ब्रॉडगेज लाइन के लिए सीमांकन का कार्य हो चुका है, लेकिन यह ब्रॉडगेज मूर्त रूप नहीं ले पा रही है।
ब्रॉडगेज में बदलने चल रहा है आंदोलन
नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने के राजनीतिक स्तर से हमेशा मांग उठती रहती है, लेकिन सबलगढ़ में पिछले दो माह से लगातार हस्ताक्षर अभियान व ज्ञापन देने की प्रक्रिया नगर के कुछ लोगों द्वारा चलाई जा रही है।
“अभी यह मेरी जानकारी में नहीं आई है। हो सकता है त्रुटिपूर्ण हो गया हो। मै अभी आया हूं और छुट्टी पर चल रहा है देख कर बता सकते हैं।”
मनोज कुमार, पीआरओ, उत्तरमध्य रेलवे झांसी
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