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बिलासपुर

मोबाइल और टेबलेट पर काम कर रहा रेलवे

डिजीटल भारत अभियान में एक बड़ा कदम उठाते हुए रेलवे ने बिलासपुर जोन के
तीनों डिवीजनों के साथ ही देश के 68 डिवीजनों में यह ई-सक्षम ट्रैक
मैनेजमेंट सिस्टम  (टीएमएस) लागू कर दिया है।

बिलासपुरJan 16, 2016 / 08:57 am

Kajal Kiran Kashyap

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बिलासपुर. डिजीटल भारत अभियान में एक बड़ा कदम उठाते हुए रेलवे ने बिलासपुर जोन के तीनों डिवीजनों के साथ ही देश के 68 डिवीजनों में यह ई-सक्षम ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) लागू कर दिया है। इसके माध्यम से रेलवे के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में ई-वर्किंग शुरू भी हो गई है।

कनिष्ठ अभियंता, अफसर, इंजीनियर सभी टेबलेट व मोबाइल में वह काम ऑनलाइन करेंगे, जो अब तक कागजी तौर पर होता रहा है। इससे रजिस्टर, फाइल, रिपोर्ट संबंधी कागजी कार्रवाई से जहां मुक्ति मिलेगी, वहीं करोंड़ों रुपए की बचत व आय भी होगी। फील्ड में काम कर रहे अभियंता हों या चेंबर में बैठे अफसर, सभी ऑनलाइन रेलवे बोर्ड से कनेक्ट रहेंगे।

सभी को ई-वर्किंग करनी होगी। निरीक्षण रिपोर्ट सहित तमाम डाटा निर्धारित फार्मेट में फीड करना होगा। इससे जोन मुख्यालय के अफसर किसी भी समय अपने डिवीजन की योजनाओं और वर्किंग का जायजा ले सकेंगे। रेलवे बोर्ड समीक्षा कर सीधे ऑनलाइन निर्देश भेज सकेगा। टीएमएस से ट्रैक निरीक्षण, निगरानी व रखरखाव की पूरी जानकारी आईटी मंच पर आ गई है।

बिलासपुर जोन ने सबसे पहले किया लागू
ई-सक्षम ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम एसईसीआर रेलवे जोन ने सबसे पहले लागू किया था। यहां पर यह सिस्टम रेलवे ने बतौर ट्रायल शुरू किया था। इसका प्रयोग सफल रहने के बाद इसे देश के सभी 68 रेल मंडलों में लागू कर दिया गया है। इस सिस्टम के लागू होने से रेलवे की वर्किंग और तेज हो गई है।

यह होंगे फायदे
1.रेलवे से हट जाएंगे एक लाख रजिस्टर।
2.500 पेड़ हर साल कटने से बचेंगे।
3.केंद्रीयकृत हो जाएगा पूरा डाटा ।
4.तत्काल मिलेंगे ई-मेल व एसएमएस से निर्देश।
5.ट्रैक निरीक्षण, निगरानी व रखरखाव होगा आसान।
6.स्क्रैप निपटान में होगी आसानी।
7.उत्तर रेलवे में हुआ क्रियान्वयन।

आरके अग्रवाल सीपीआरओ ने बताया कि एसईसीआर जोन में रेलवे बोर्ड के निर्देश पर ई-सक्षम ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर दिया गया है। इससे ट्रैक के रखरखाव, निगरानी और निरीक्षण में आसानी हो रही है। मोबाइल और टेबलेट के माध्यम से डाटा फीड किया जा रहा है। इसे रेलवे के अधिकारी लॉग इन के माध्यम से चेक करके निर्देश दे सकते हैं। काम में भी तेजी आई है।

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