इस तरह करें पीपल की पूजा
शनिवार की शाम को शनिदेव की विधिवत पूजा करें। शनिदेव की पूजा करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दिया जलाएं। दिया जलाने के बाद उस पीपल के पेड़ से उसके कुछ पत्ते तोड़कर घर ले लेकर आएं और इनको गंगाजल से धो लें। पत्ते को पानी में हल्दी डालकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें और दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से इस घोल को लेकर पीपल के पत्ते पर ह्रीं लिखें। पत्ते पर ह्रीं लिखने के बाद पत्ते को पूजा करने के स्थान पर रख दें। पूजा स्थान पर रखने के बाद, धूप-बत्ती आदि से इसकी पूजा करें। अपने ईष्टदेव का ध्यान करते हुए प्राथना करें कि आपकी मनोकामना पूर्ण हो। अगर आपके घर में पूजास्थल ना हो तो किसी साफ स्थान पर आसन बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं। किसी साफ प्लेट में इस पत्ते को रखें और उसी प्रकार धूप बत्ती दिखाते हुए पूजा करें।
पूजन के बाद पीपल के पत्ते को पर्स या तिजोरी में रखें। हर शनिवार को पुराना पत्ता किसी मंदिर में जाकर चढ़ा आएं और पहले बताई गई विधि के अनुसार नया पत्ता लेकर आएं। इसे विधिवत और पूर्ण श्रृद्धा से कुछ हफ्तों तक करें, इस उपाय को करने से धन की समस्या दूर होने लगेगी।
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