माना जाता है कि मां बगलामुखी स्तम्भन की देवी हैं। कहा जाता है कि ब्रह्मांड की शक्ति मिलकर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकती। शत्रु नाश, वाक सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए मां बगलामुखी की उपासना की जाती है। उपासना करते वक्त इस मंत्र का जाप करें ‘ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।’
कहा जाता है कि मां बगलामुखी को पान, मिठाई, फल सहित पंचमेवा अर्पित करना चाहिए। साथ ही छोटी-छोटी कन्याओं को प्रसाद और दक्षिणा भी देना चाहिए। ‘ॐ हां हां हां ह्लीं बज्र कवचाय हुम’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से पूर्व की ओर मुख करके एक माला करें। इस मंत्र का जाप करने से संसार में कोई आपका हानि नहीं पहुंचा सकता है।
कौन हैं मां बगलामुखी मां बगलामुखी को 8वीं महाविद्या कहा जाता है। इन्हें अधिष्ठात्री भी कहा जाता है। कहा जाता है कि मां बगलामुखी भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनके बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। कहा जाता है कि है कि तंत्र साधना में सिद्धि प्राप्त करने के लिए मां बगलामुखी को प्रसन्न करना पड़ता है, तब ही तंत्र साधना में सि्द्धि प्राप्त हो सकती है। पूरे विश्व में मां बगलामुखी की तीन मंदिर ऐतिहासिक है। जो भारत के मध्य प्रदेश के नलखेड़ और दतिया में है जबकि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में मां बगलामुखी का मंदिर है।