फ्लाइंग चैंपियन के नाम से जानी जाती है एमी
एमी के विमान उड़ाने का जुनून देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। वह दुनिया की पहली सबसे कम उम्र की पायलट होने के साथ पर्यावरण का नुकसान ना हो, इसका भी ख्याल रखना चाह रही है। ऑस्ट्रेलिया की इस बच्ची को एविएशन की दुनिया में ‘फ्लाइंग चैंपियन’ (Flying Champion) के नाम से पुकारा जा रहा है. एमी ‘गर्ल्स कैन फ्लाई एनीथिंग’ (Girl’s Can Fly Anything) नाम की एक पत्रिका भी निकालती है। उसका इस पत्रिका निकालने के पीछे यही उद्देश्य है कि लड़कियां कुछ भी संभव करके दिखा सकती हैं।
एमी ने 8 साल की उम्र से ही ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी
एमी ने पायलट बनने का सपना महज 7 साल से देखना शुरू कर दिया था और यही वजह है कि वह आसमान की सैर करने लगी। 8 वर्ष की होते ही उसने विमान उड़ाने की ट्रेनिंग लेने लगी। एमी का इलेक्टि विमान एक घंटे तक हवा में उड़ान भर सकता है। दरअसल एमी की इस उड़ान का एविएशन इंडस्ट्री स्वागत कर रही है। कंपनियां उसमें इलेक्ट्रिक विमान के बाजार के विस्तार का भविष्य देख रही हैं।
एयरपोर्ट के पास ही था उसका रेजिडेंस
एमी की आंखों में प्लेन उड़ाने का सपना बहुत ही छोटी उम्र में बस गया था। वह जब ढाई साल की थी तबसे उसने विमानों को टेकऑफ़ और लैंडिंग करते हुए देखा। उसका रेजिडेंस ब्रिस्बेन एयरपोर्ट के बेहद करीब था। उसने पक्षियों के साथ विमानों को उड़ते हुए पहले ठिठक कर देखा। उसका कौतूहल धीरे-धीरे सपने में बदला और उन सपनों को बहुत छोटी उम्र में आकार देना सीख लिया। एमी की जिज्ञासा ने उसे विमान एक्सपर्ट बना दिया। वह प्लेन और उसकी टेक्निक के बारे में घंटों किसी विशेषज्ञ की तरह बातें कर सकती हैं। अब एमी स्पाइसर का परिवार ब्रिस्बेन छोड़कर क्वींसलैंड शिफ्ट कर गया है ताकि एमी एक खब्बू पायलट बन सके।