हर साल लग रही 3.3 लाख करोड़ रुपए की चपत
दरअसल हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें ये खुलासा हुआ है कि दीमक (Termites) की वजह से हर साल दुनिया को 3.3 लाख करोड़ रुपयों की चपत लग रही है। ये नुकसान दीमकों की वजह से हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक दीमकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जो अब खतरनाक साबित होता जा रहा है। दीमकों की इस बढ़ती आबादी का कारण इंसान ही बताया गया है। जर्नल नियोबायोटा की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से अब उन जगहों पर भी दीमक प्रजनन करने लगे हैं जहां पहले वो पाए भी नहीं जाते थे। क्योंकि अब दुनिया गर्म होने लगी है। अमेरिका, यूरोप जैसी ठंडी जगहों पर भी पारा लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका और भारत के मौसम में तो अब ज्यादा अंतर भी नहीं रहा। ऐसे में ये दीमक इन गर्म जगहों पर लगातार अपना बसेरा बनाती जा रही हैं। ऐसी जगहों पर दीमक अपना घर बना रही है और प्रजनन कर आबादी बढ़ा रही है। रिपोर्ट में इन आक्रामक दीमकों के खतरे के बारे में कहा गया है कि दुनिया को अब तक 125.14 लाख करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है।
दुनिया के 60 फीसदी पौधों और जानवरों को विलुप्ति कर गए दीमक
ये दीमक दुनिया में 60 फीसदी पौधों और जानवरों के विलुप्त होने का कारण हैं। इतना ही नहीं ये विदेशी आक्रामक प्रजातियां हर साल वैश्विक अर्थव्यवस्था को 35 लाख करोड़ रुपए यानी 42,300 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान पहुंचा रही हैं। वहीं अगर 1970 के बाद से देखें तो नुकसान की ये दर हर दशक चार गुना तेजी से बढ़ रही है। इस रिपोर्ट के बाद रिसर्चर्स ने दुनिया के बड़-बड़े देशों से इस पर जल्द ही ठोस कदम उठाने की अपील की है, उनका कहना है कि किसी भी तरीके सेस पर्यावरण को बचाना होगा साथ ही ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के लिए बड़े स्तर पर योजनाएं बनानी होंगी। साथ ही कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए अभी भी कुछ नहीं किया तो नतीजे काफी भयानक हो सकते हैं।