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चीन, पाकिस्तान, मालदीव पर कहर बनकर टूटेगा भारत का ये खतरनाक ‘समंदर का गिद्ध’, अपनी पैनी नज़र से ही दुश्मन का निकाल देगा खून

भारत ने पाकिस्तान, चीन और मालदीव पर कड़ी नज़र रखने के लिए और उनकी चाल का करारा जवाब देने के लिए एक ऐसे समंदर के गिद्ध को रखा है जो पूरी दुनिया में चर्चा में आ गया है।

Mar 17, 2024 / 01:16 pm

Jyoti Sharma

INS-Jatayu: भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश (Most Powerful country in the World) है। इस बात से ही उसके दुश्मन देशों के सीने पर सांप लोटने लग जाते हैं। अपने दुश्मनों की हर चाल का जवाब देने के लिए भारत जल, थल, नभ तीनों में अपनी सुरक्षा और चौकसी बढ़ाता जा रहा है हाल के दिनों में सबसे ज्यादा उसकी जल सुरक्षा की हो रही है क्योंकि यहां पर भारत की सुरक्षा के लिए एक ऐसे ज़ांबाज़ को तैयार कर रखा गया है जो पाकिस्तान, चीन और मालदीव (Maldives) जैसे देशों की हर भारत विरोधी गतिविधि पर अपनी पैनी नज़र रखेगा और उनके नापाक मंसूबों को नाकामयाब रखेगा। हम बात कर रहे हैं भारत के तेज़तर्रार ‘समंदर के गिद्ध’ की। ये समंदर का गिद्ध है भारत का INS-जटायु (INS-Jatayu).

कौन है ये समंदर का गिद्ध?

इस INS-जटायु को भारत के लक्षद्वीप पर तैनात किया गया है। ये लक्षद्वीप के मिनिकॉय आईलैंड नेवी बेस पर तैनात है। 6 मार्च 2024 को इसे भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है। इसे लक्षद्वीप में नौसेना की परिचालन पहुंच में सुधार के लिए बनाया गया है।

कैसे करेगा काम?

1- दरअसल यही वो बेस होगा जो इस क्षेत्र में होने वाली किसी भी गतिविधि को भांप सकेगा और उसे जवाब दे सकेगा।

2- इसके अलावा ये पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती पर भी निगरानी करेगा और सेना की मदद करेगा।

INS-Jatayu से क्या होंगे फायदे?

1- लक्षद्वीप द्वीप समूह में भारतीय सेना की पकड़ मजबूत होगी।

2- क्षमता निर्माण और द्वीप क्षेत्रों के व्यापक विकास के लिए एक क्रांतिकारी शुरुआत होगी।
3- चीन, मालदीव और पाकिस्तान (Pakistan) जैसे देशों के गतिविधियों को दिया जा सकेगा जवाब

4- खासकर चीन की नौसेना पर पैनी नजर रखी जा सकेगी

5- बेस बनने से यहां पर युद्धपोत, फाइटर जेट समेत जहाजों का बेड़ा तैनात हो सकेगा
6- जो कॉमर्शिअल शिप सुएज कैनाल और पारस की खाड़ी जाते हैं उन्हें लक्षद्वीप और मिनिकॉय वाले रूट से जाना होता है ऐसे में यहां पर सुरक्षा की ज्य़ादा जरूरत है ताकि चारों दिशाओं में निगरानी की जा सके।

क्यों है जरूरी?

बता दें कि भारत का लक्षद्वीप (Lakshadweep) बेहद खूबसूरत द्वीप है जो केरल के तट से लगभग 200 किमी दूर स्थित है। ये समंदर में बसे 35 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है। यहां पर लगभग 64,000 लोगों की आबादी है। यहां पर भारत की केंद्र सरकार का शासन है। इन 35 द्वीपों में 32 वर्ग किमी का भूभाग है।

चीन पर रहेगी पैनी नज़र

भारतीय नौसेना के मुताबिक 2012 में INS-द्वीपरक्षक लक्षद्वीप (Lakshadweep) के कावारत्ती में शुरू होने वाला पहला बेस था। यहां पर नौसेना टुकड़ी मिनिकॉय की स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में हुई थी। मिनिकॉय लक्षद्वीप के दक्षिण में स्थित सबसे आखिरी द्वीप है जो संचार की दृष्टि से अहम समुद्री सीमाओं (SLOC) तक फैला हुआ है। ये क्षेत्र भारत के लिए कितना अहम है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि भारतीय सेना में INS-जटायू के शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर बनी एक हवाई पट्टी और नई दिल्ली जेटी का उद्घाटन किया था और और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन (China) के खिलाफ रणनीतिक बढ़त की भारत की जरूरत को बढ़ावा दिया था।

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