अमरीका के बदले सुर
ब्लिंकन की यात्रा को अभी दो दिन ही हुए हैं और अमरीका के सुर बदल गए हैं। हाल ही में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने चाइनीज़ राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए एक बड़ी बात कह दी है। बाइडन ने जिनपिंग की तुलना तानाशाहों से करते हुए उन्हें एक तानाशाह बता दिया है।
बाइडन ने कहा, “जिनपिंग फरवरी में एक घटना पर नाराज हो गए थे जब एक चाइनीज़ स्पाई बैलून अमरीका के ऊपर उड़ता पाया गया था और उसे अमरीकी सेना के फाइटर जेट ने मार गिराया था। तानाशाह जिनपिंग के लिए यह एक शर्मिंदगी वाली बात है।”
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चीन का पलटवार बाइडन के बयान पर चीन की तरफ से पलटवार किया गया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ यिंग () ने इस बारे में बयां देते हुए कहा, “अमरीकी पक्ष द्वारा इस तरह की टिप्पणी बेहद हास्यास्पद और गैर जिम्मेदाराना है। अमरीका गंभीर रूप से बुनियादी तथ्यों, डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल और चीन की राजनीतिक गरिमा का उल्लंघन करता है। अमरीका की तरफ से यह टिप्पणी खुले तौर पर राजनीतिक उकसावा है।”
क्यों बदला अमरीका?
अमरीका के सुर बदलना एक इत्तेफाक मात्र नहीं है। दो दिन पहले ब्लिंकन के अमरीका दौरे के बाद जहाँ लग रहा था कि अमरीका आगे बढ़कर चीन से संबंधों को सुधारने की पहल कर रहा है, दो दिन में ही अमरीका के सुर बदल गए हैं। पर क्यों? जवाब है भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका स्टेट विज़िट। पीएम मोदी किसी सामान्य अमरीका दौरे पर नहीं, बल्कि स्टेट विज़िट पर हैं। यानी कि राजकीय दौरा। स्टेट विज़िट पर खास आमंत्रण मिलने पर ही जाया जाता है और यह हर किसी को नहीं दिया जाता है। स्टेट विज़िट का आमंत्रण सिर्फ उन्हीं देशों के राजनेताओं को दिया जाता है जिन्हें वो देश अपना करीबी सहयोगी और मित्र मानता है।
भारत और चीन के संबंधों में LAC को लेकर चल रही खटास भी जगजाहिर है। ऐसे में पीएम मोदी की अमरीका स्टेट विज़िट के दौरान अमरीकी राष्ट्रपति बाइडन का चाइनीज़ राष्ट्रपति जिनपिंग को तानाशाह बताना इस बात को दर्शाता है कि अमरीका भारत को एक करीबी मित्र और सहयोगी के तौर पर देखता है और भारत-चीन विवाद पर पूरी तरह से भारत के साथ है।