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ISKCON: बांग्लादेश ही नहीं, कई देशों में है इस्कॅान, जानिए कितना बड़ा है इस्कॉन का संसार, समाज हित में क्या-क्या करता है काम ?

ISKCON: इस्कॉन दुनिया भर में सेवा का पर्याय है। इसके बारे में फैलाई गई बातें और
कुधारणाएं निराधार हैं। आइए इस्कॉन के बारे में जानते हैं:

नई दिल्लीNov 28, 2024 / 06:51 pm

M I Zahir

Iskcon Bangladesh

ISKCON: बांग्लादेश में इस्कॉन ( ISKCON) का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और उनकी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है। इस्कॉन ( ISKCON) ने भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों और भक्ति को फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रमुख स्थानों पर मंदिर और भक्ति केंद्र स्थापित किए हैं। यह गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन भी करवाता है। दरअसल इस्कॉन का पूरा नाम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है। यह 100 से अधिक देशों में कार्यरत एक वैश्विक धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है, जो विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण की उपासना और उनके उपदेशों के प्रचार-प्रसार पर केंद्रित है।

बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रमुख मंदिर

ISKCON ढाका मंदिर : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इस्कॉन का प्रमुख मंदिर स्थित है। यहां भक्तों के लिए भक्ति, ध्यान, पूजा और कीर्तन की व्यवस्था होती है। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित है, और यहां नियमित रूप से धार्मिक कार्यक्रम और विशेष उत्सव मनाए जाते हैं, जैसे राधाष्टमी, गोवर्धन पूजा, जन्माष्टमी, और दीपावली।
ISKCON चट्टोग्राम: चट्टोग्राम (Chittagong) शहर में भी इस्कॉन का एक केंद्र है, जहां कृष्ण भक्ति की गतिविधियां होती हैं।इन मंदिरों के माध्यम से इस्कॉन बांग्लादेश में कृष्ण भक्ति, वैदिक साहित्य और समाज सेवा के कार्यक्रम चला रहा है। यहां Food for Life जैसे प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं, जो गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन प्रदान करते हैं।

बांग्लादेश में इस्कॉन का उद्देश्य

भगवान श्री कृष्ण की भक्ति का प्रचार करना।

मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति प्राप्त कर सकें।
अध्यात्मिक साधना और समाज में भाईचारे को बढ़ावा देना।

धार्मिक शिक्षा और सामाजिक सेवा के कार्यों को बढ़ावा देना।
इस्कॉन बांग्लादेश में एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक माहौल बनाने का प्रयास करता है।

आखिर क्या है और क्या करता है इस्कॉन

इस्कॉन का मुख्य उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों का प्रचार करना है। संगठन का मानना है कि श्री कृष्ण की भक्ति के माध्यम से मनुष्य को आत्मिक उन्नति और जीवन में शांति प्राप्त हो सकती है। इस्कॉन भक्तों को भगवद गीता, श्रीमद्भागवतम और अन्य वैदिक ग्रंथों का अध्ययन और उन्हें जीवन में उतारने की प्रेरणा देता है। वे भक्ति योग (ध्यान और साधना) को प्रोत्साहित करते हैं, जो कृष्ण के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना बढ़ाता है।

किन-किन देशों में है इस्कॉन

इस्कॉन का नेटवर्क अब पूरे दुनिया में फैल चुका है। कुछ प्रमुख देशों में इस्कॉन के केंद्र और मंदिर हैं। इसके केंद्र भारत में कई प्रमुख शहरों में हैं, जैसे दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, जयपुर, पुणे, आदि। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, शिकागो, ह्यूस्टन, आदि में इस्कॉन के बड़े मंदिर हैं। यूरोप में ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड, आदि देशों में भी इस्कॉन का प्रभाव है। वहीं कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड: इन देशों में भी इस्कॉन के कई मंदिर और केंद्र हैं। दक्षिण अमेरिका में ब्राजील, अर्जेंटीना, और चिली जैसे देशों में भी इस्कॉन की उपस्थिति है। दक्षिण एशिया में नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश में भी इस्कॉन के केंद्र हैं। मध्य एशिया और अफ्रीका में इस्कॉन ने अफ्रीका और मध्य एशिया के कुछ देशों में भी अपनी शाखाएँ खोल रखी हैं।

दुनिया के प्रमुख देशों में इस्कॉन के मंदिर

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA):
न्यूयॉर्क (ISKCON न्यूयॉर्क)
लॉस एंजिल्स (ISKCON लॉस एंजिल्स)
शिकागो (ISKCON शिकागो)
मियामी (ISKCON मियामी)
ह्यूस्टन (ISKCON ह्यूस्टन)

ब्रिटेन:

लंदन (ISKCON लंदन)
मैनचेस्टर (ISKCON मैनचेस्टर)

कनाडा:

टोरंटो (ISKCON टोरंटो)
वैंकूवर (ISKCON वैंकूवर)
ऑस्ट्रेलिया:
सिडनी (ISKCON सिडनी)
मेलबर्न (ISKCON मेलबर्न)

जर्मनी:

बर्लिन (ISKCON बर्लिन)
फ्रैंकफर्ट (ISKCON फ्रैंकफर्ट)

ब्राजील:

साओ पाउलो (ISKCON साओ पाउलो)
रियो डी जनेरो (ISKCON रियो डी जनेरो)

फ्रांस:

पेरिस (ISKCON पेरिस)

नीदरलैंड्स:

एम्सटर्डम (ISKCON अम्सटरडम)

मेक्सिको

मेक्सिको सिटी (ISKCON मेक्सिको सिटी)

दक्षिण अफ्रीका:

जोहान्सबर्ग (ISKCON जोहान्सबर्ग)

पाकिस्तान:

लाहौर (ISKCON लाहौर)

नेपाल:

काठमांडू (ISKCON काठमांडू)

श्रीलंका:

कोलंबो (ISKCON कोलंबो)

अन्य देशों में इस्कॉन के मंदिर


अर्जेंटीना
चिली
उत्तरी कोरिया
जापान
मलेशिया
दुबई (UAE)
सिंगापुर
थाईलैंड
वियतनाम

इस्कॉन का नेटवर्क दुनिया भर के देशों में

बहरहाल इस्कॉन का नेटवर्क दुनिया भर के लगभग सभी महाद्वीपों और देशों में फैल चुका है। इस्कॉन का विस्तार हर महाद्वीप में है, और यह संगठन आज दुनिया भर में लाखों भक्तों को अपने साथ जोड़ चुका है। इन मंदिरों में लोग भक्ति, ध्यान, पूजा, कीर्तन, और भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों का पालन करते हैं। हंगर निवारण (Food for Life): इस्कॉन गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन देने के लिए “Food for Life” कार्यक्रम चलाता है। यह कार्यक्रम पूरी दुनिया में विभिन्न स्थानों पर चलाया जाता है, जहां भी भुखमरी का सामना करना पड़ता है। मंदिर और आध्यात्मिक केंद्र: इस्कॉन के विश्वभर में कई मंदिर और केंद्र हैं, जहां लोग कृष्ण भक्ति, ध्यान, संगीत, पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं। इस्कॉन का उद्देश्य जीवन को सही दिशा में मार्गदर्शन देना है। इसके अंतर्गत ध्यान, भजन, कीर्तन, और कृष्ण के मंत्रों का जाप किया जाता है।
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