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अंतरिक्ष में ज्यादा दिनों तक रुकने पर भुगतना पड़ सकता है खतरनाक अंजाम! ISRO ने भी सुनीता विलियम्स पर दिया ये बड़ा बयान

सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष में फंसे होने को लेकर इसरो ने भी बड़ा बयान दिया है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने इस प्रोजेक्ट और सुनीता विलियम्स की सुरक्षा को लेकर बात की है।

नई दिल्लीJun 30, 2024 / 03:21 pm

Jyoti Sharma

Sunita Williams trapped in space, her health and ISRO's statement on NASA Project

Sunita Williams

सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) पिछले 17 दिनों से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं। वो अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में हैं। वो NASA और बोइंग के साथ मिलकर बोइंग के स्टारलाइनर (Starliner) अंतरिक्ष यान के परीक्षण उड़ान के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गई हैं। जो कि सुनीता की पहली प्राइवेट उडा़न है। सुनीता विलियम्स ने 5 जून, 2024 को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के पहले क्रू टेस्ट फ्लाइट पर अपने मिशन की शुरुआत की थी। ये मिशन लगभग एक सप्ताह का था। लेकिन 17 दिन होने के बाद भी वो अभी भी इस स्टेशन में ही हैं।
सुनीता के साथ इस मिशन में बैरी विलमोर समेत 8 अंतरिक्ष यात्री और हैं। सुनीता के साथ ये यात्री भी इस प्रोेजेक्ट का हिस्सा हैं। इससे पहले, अंतरिक्ष यान की वापसी 26 जून को निर्धारित की गई थी और उससे भी वो 14 जून को वापस आने वाली थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक NASA के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम के प्रबंधक स्टीव स्टिच ने एक बयान में कहा कि वो काम ही कर रहे हैं। अंतरिक्ष में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को वो जल्दी वापस ले आएंगे। 

ज्यादा दिनों तक अंतरिक्ष में रहने से क्या फर्क पड़ेगा?

विशेषज्ञों के मुताबिक अंतरिक्ष में समय बिताने से अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण, विकिरण जोखिम, सीमित रहने की स्थिति और अलगाव जैसे वातावरण के चलते गहरा प्रभाव पड़ता है। ये कारक मानव शरीर की लगभग हर प्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे कुछ समय के लिए अनुकूलन और लंबे समय तक रहने वाली स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। 

शरीर की हड्डियां और मांसपेशियों हो जाएंगी बेहद कमजोर

अंतरिक्ष यात्रियों के अनुभव किए गए सबसे शुरुआती और सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक है शरीर में लिक्विड का ऊपर की तरफ आना महसूस करना। जिससे चेहरे पर सूजन और जमाव हो जाता है। क्योंकि स्पेस स्टेशन में गुरुत्वाकर्षण के लगातार खिंचाव के बिना, ये तरल पदार्थ ऊपर की तरफ आते रहते हैं। जिससे पैरों में तरल पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है। जिससे पृथ्वी पर लौटने पर गंभीर बीमारी हो सकती है जिससे जोड़ों और मांश पेशियों में भयानक दर्द और चलने में असमर्थता हो सकती है। क्योंकि इस दौरान ये अंतरिक्ष यात्री खड़े होने पर चक्कर और बेहोशी जैसा अनुभव कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी में ऐसा लगेगा कि शरीर उनका वजन नहीं झेल पा रहा है। साथ ही हड्डियों में भी दर्द होता है।

पूरी मॉनिटरिंग करती है एजेंसी

अंतरिक्ष यात्रियों के इन सब तकलीफों से बचाने के लिए अंतरिक्ष एजेंसियां ​​मिशन के दौरान और बाद में हैवी एक्सरसाइज, पोषण संबंधी निगरानी और मेडिकल मॉनिटरिंग करती हैं। जिससे अंतरिक्ष यात्री के शरीर पर होने वाले नुकसान को कम या खत्म किया जा सके। 

ISRO ने दिया बड़ा बयान- सब ठीक है

वहीं सुनीता विलियम्स समेत ISS में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों पर इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने भी बयान दिया है। उन्होंने NDTV को दिए इंटरव्यू में बताया कि किसी को भी सुनीती विलियम्स और बाकी अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इसरो चीफ ने कहा कि “ये सिर्फ सुनीता विलियम्स या किसी दूसरे अंतरिक्ष यात्री का मामला नहीं है। किसी स्थान पर फंसना या फँस जाना कोई ऐसी कहानी नहीं है जो हमें इस समय बतानी चाहिए। उन सभी को एक दिन वापस आना है। ये मिशन बोइंग स्टारलाइनर नाम के एक नए क्रू मॉड्यूल के टेस्ट के बारे में है। इसकी वहां तक ​​जाने और फिर सुरक्षित रूप से वापस आने की क्षमता है स्पेस स्टेशन और ये मॉ़ड्यूल लोगों के लंबे समय तक रहने के लिए सुरक्षित स्थान है।”

सुनीता पर पूरे देश को गर्व- इसरो चीफ एस सोमनाथ

सोमनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के बारे में चिंता करने के बजाय एक नए क्रू मॉड्यूल के टेस्ट और उसकी अंतरिक्ष यात्रा करने की क्षमता पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने नए अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान में यात्रा करने के साहस के लिए विलियम्स की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि “हम सभी को उन पर गर्व है। उनके नाम कई मिशन हैं। किसी नए अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान में यात्रा करना एक साहसी बात है। वो खुद इस मॉड्यूल के डिजाइन टीम का हिस्सा हैं और उन्होंने अपने अनुभव से इनपुट का इस्तेमाल किया है।”

क्या कहा NASA ने?

इस बीच, नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी स्टारलाइनर के मिशन की अवधि को 45 दिन से बढ़ाकर 90 दिन करने पर विचार कर रही है। हालांकि, इन अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर लौटने की कोई निर्धारित तारीख नहीं है क्योंकि बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के साथ कई यांत्रिक मुद्दों के कारण उनकी वापसी में कई बार देरी हुई है।

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