एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ा
द लैंसेट सीरीज (The Lancet’s research series) के पेपर्स के मुताबिक दुनिया में हर साल आठ में से एक मौत बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होती है। कोविड के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं के अनुचित इस्तेमाल से एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस का खतरा तेजी से बढ़ा है।
बहुत मुश्किल माना जाता रहा है
प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक और नई लैंसेट श्रृंखला के सह-लेखक प्रोफेसर रामानन लक्ष्मीनारायण ने बताया कि भारत में 2019 में 10,43,500 मौतें एएमआर से जुड़ी थीं। उन्होंने कहा कि दुनिया में लंबे समय से एएमआर से सुरक्षा को आवश्यक नहीं माना जाता है या फिर इसे हल करना बहुत मुश्किल माना जाता रहा है। हालांकि यह सच नहीं है। हाथों की नियमित सफाई से कई मौतों को रोका जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस से जुड़ी समस्याएं अधिक हैं।
एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस ( AMR) क्या है ?
दरअसल बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या पैरासाइट्स समय के साथ बदलते हैं। उन पर एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं होता है। इसे एंटीमाइक्रोबायल रेजिस्टेंट ( AMR) कहा जाता है। ऐसे में संक्रमण का इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है।