युद्ध के बाद विवादों के केंद्र में हंगरी
गौरतलब है कि यू्क्रेन-रूस युद्ध (Ukraine-Russia War) शुरू होने के बाद हंगरी कई विवादों के केंद्र में रहा है। इन विवादों में एक रूस के साथ युद्ध के दौरान यूक्रेन को यूरोपीय संघ का हिस्सा बनने की अनुमति देने से इनकार करना भी शामिल है। गौरतलब है कि, हंगरी (Hungary) एकमात्र ऐसा देश है जिसने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भी रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखे हैं। जानकार हंगरी को रूस समर्थक देश के रूप में देखते हैं।
यूक्रेन को सैन्य सहायता में देरी
हंगरी के यूरोपीय मामलों के मंत्री बोका ने यूक्रेन को 25 जून को कीव और ब्रुसेल्स की शुरू की गई बातचीत को आगे बढ़ने की उम्मीदों को खारिज कर दिया है। अब हंगरी जब अध्यक्ष बन गया है तो यूक्रेन को सहायता मिलने में देरी के मुद्दे का भी निपटान हो सकता है। वर्तमान में, हंगरी सैन्य सहायता के लिए यूरोपीय संघ के फंड में लगभग 6.5 बिलियन यूरो जारी करने से इनकार कर रहा है, साथ ही ये भी नहीं बताया कि वो अपने 6 महीने के कार्यकाल के दौरान अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल करेगी या नहीँष। गौरतलब है कि यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ हंगरी ने अच्छे आर्थिक संबंध बनाए रखे हैं। हाल ही में हंगरी ने यूरोपीय संघ के संसदीय चुनावों से पहले खुद को रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए और शांति के लिए लड़ने वाले एकमात्र देश के तौर पर पेश किया था।