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Parliament burn: भारत सरकार ने कहां न जाने के लिए कहा, वहां क्यों भड़की हिंसा? क्या है नया टैक्स, जिस पर छिड़ा घमासान

Parliament burn:भारत सरकार ने पूर्वी अफ्रीका के एक देश में भड़की हिंसा के बाद अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें ‘ बहुत ज्यादा सावधानी’ बरतने के लिए सलाह दी गई है।

नई दिल्लीJun 27, 2024 / 11:27 am

M I Zahir

Kenya Parliament Fire

Parliament burn: केन्या की राजधानी नैरोबी में प्रस्तावित टैक्स में बढ़ोतरी के खिलाफ सड़कों पर उतरी भीड़ को नियं​त्रित करने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ने के बाद वहां भारी अराजकता फैल गई है। एमनेस्टी केन्या सहित कई गैर सरकारी संगठनों ने एक संयुक्त बयान में बताया कि केन्या को हिला कर रख देने वाली इस घातक कार्रवाई में पांच लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई और 31 घायल हो गए।

पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारी काफी हद तक शांतिपूर्ण रहे थे, लेकिन मंगलवार को नैरोबी में झड़पें शुरू हो गई थीं और भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया था और बैरिकेड तोड़ दिए थे। वे संसद परिसर में जबरन घुस गए और आंदोलन इस हद तक उग्र हो गया कि परिसर में घुसे हजारों प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के एक हिस्से में आग लगा दी, जिससे सांसदों को इसे खाली करना पड़ा। जवाबी कार्रवाई में, केन्याई पुलिस ने गोलीबारी की और रबर की गोलियां चलाईं।
Parliament burn

कहां कैसे शुरू हुआ झगड़ा?

केन्या में हिंसक भीड़ ने केन्या की संसद को आग के हवाले कर दिया। विरोध प्रदर्शन का यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब सांसदों ने नए टैक्स की पेशकश करने वाले वित्त विधेयक पर मतदान किया. इन नए टैक्सों में ‘इको-लेवी’ भी शामिल है, जो सैनिटरी पैड और डायपर जैसी वस्तुओं की कीमत बढ़ाएगी। इस बिल का लक्ष्य भारी कर्ज का भार कम करने की कोशिश के तहत टैक्सों में अतिरिक्त $2.7 बिलियन की बढ़ोतरी करना है, जिसमें अकेले ब्याज भुगतान में वार्षिक राजस्व का 37 प्रतिशत खर्च होता है।

विधेयक पारित नहीं करने का आह्वान

लोगों के आक्रोश के बाद ब्रेड, खाना पकाने के तेल, कार ऑनरशिप और वित्तीय लेनदेन पर पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव हटा दिया गया, लेकिन प्रदर्शनकारी अब भी संसद से यह विधेयक पारित नहीं करने का आह्वान कर रहे हैं।

राष्ट्रपति से पद छोड़ने के लिए कहा

आंदोलनकारियों ने विलियम रुटो से भी राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए कहा है। ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों से काफी हद तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया था, जब लोगों ने तटीय शहर मोम्बासा, विक्टोरिया झील पर एक बंदरगाह शहर और अन्य शहरों की सड़कों पर मार्च किया था। विधेयक को लेकर असंतोष सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है, जो अपने नागरिकों को समझाने में विफल रही है।

राष्ट्रपति ने कार्रवाई का वादा किया

राष्ट्रपति विलियम रूटो ने टैक्स में इजाफे के विरोध के बड़े अराजकता में बदलने के बाद “हिंसा और अराजकता” के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की कसम खाई। उन्होंने कहा “हम आज की देशद्रोही घटनाओं पर पूर्ण, प्रभावी और तुरंत एक्शन लेंगे और खतरनाक लोगों ने अपने कब्जे में ले लिया है।”
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