फवाद ने ये भी कहा कि ”इस्लामाबाद के जजों के ऐतिहासिक रुख के नतीजों से अदालत खड़ा हो गया है, चौधरी ने अपने देश में कानून के शासन की स्थिति पर भी अफसोस जताया और कहा कि नागरिक समाज, बार एसोसिएशन, मीडिया संगठन और मानवाधिकार संगठन पूरी तरह से शांत हो गए हैं। कानून के शासन का भविष्य दांव पर है।”
आप नेता और पत्नी सुनीता भी रहे साथ में
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त के साथ 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई है कि वो मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पार्टी नेता आतिशी, और सौरभ भारद्वाज और आप महासचिव संदीप पाठक केजरीवाल के रिहा होने पर उनके साथ थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए 50,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतने की ही जमानत राशि देनी होगी। गौरतलब है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति (Delhi Liquor Scam) मामले के 21 मार्च, 2024 को ED केजरीवाल की गिरफ्तारी किया था और लगभग 50 दिनों से भी ज्यादा तक वो जेल में रहे थे।