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चौथी बार फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे नेपाल के PM, चीन समर्थक प्रचंड के जीतने से भारत पर क्या पड़ेगा फर्क?

बीते गुरुवार को तो नेपाल (Nepal) की संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ। संसद में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई तक हो गई थी। नेपाली कांग्रेस के विरोध के बीच स्पीकर घिमिरे ने उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री लामिछाने को मंच पर आमंत्रित किया और बैठक को संबोधित किया जिसके बाद यहां के हालात और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गए थे

नई दिल्लीMay 17, 2024 / 11:07 am

Jyoti Sharma

Nepal’s PM Pushpa Kamal Dahal Prachanda

भारत के पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में इन दिनों सियासी भूचाल आया हुआ है। यहां पर सत्तासीन पार्टी को अब नेपाल की संसद में फ्लोर टेस्ट का सामना करना होगा। ये चौथी बार है कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) फ्लोर टेस्ट देंगे। आने वाले सोमवार, 20 मई को संसद में चल रहे व्यवधान और अराजकता के बीच अपना विश्वास मत हासिल करेंगे। बता दे कि ये नया विश्वास मत नेपाल की जनता समाजवादी पार्टी नेपाल के समर्थन वापस लेने और दहल के पदभार संभालने के 18 महीने के भीतर ही आया है।

20 मई को होगा फ्लोर टेस्ट

न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) ने सदन अध्यक्ष देबराज आर्यल को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि वो 20 मई को विश्वास मत हासिल करेंगे। विश्वास मत के लिए तैयारी पहले से ही चल रही है। विश्वास मत का फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब विपक्षी नेपाली कांग्रेस संसद परिसर के भीतर विरोध प्रदर्शन कर रही है। 

गृह मंत्री पर घोटाले के आरोप, संसदीय जांच समिति की मांग उठा रहा विपक्ष

बता दें कि विपक्षी दल का आरोप है कि नेपाल के सहकारी धोखाधड़ी घोटाले में गृह मंत्री रबी लामिछाने शामिल थे। विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच के लिए संसदीय जांच समिति के गठन की मांग की है।

सांसदों के बीच हुई थी हाथापाई

बीते गुरुवार को तो इस मामले पर नेपाल की संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ। संसद में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई तक हो गई थी। नेपाली कांग्रेस के विरोध के बीच स्पीकर घिमिरे ने उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री लामिछाने को मंच पर आमंत्रित किया और बैठक को संबोधित किया जिसके बाद यहां के हालात और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गए थे। बता दें कि नेपाली कांग्रेस के नेता लगातार बीेते एक हफ्ते से संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं।

भारत को क्या फर्क पड़ेगा

नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड चीन समर्थक नेता माने जाते हैं। अपने पहले के कार्यकाल में भी प्रचंड ने चीन से गलबहियां कर भारत से किनारा कर लिया था। प्रचंड का चीन के प्रति झुकाव इसी से पता चल जाता है जब हाल ही में नेपाल की सरकार ने अपने 100 रुपए के नए नोट में भारत के हिस्सों कोे शामिल कर लिया था। इस पर भारत ने आपत्ति भी जताई थी। साफ है कि नेपाल भी चीन की विस्तारवादी नीतियों के प्रभाव में आ रहा है। ऐसे में प्रचंड अगर नेपाल की संसद में विश्वास मत हासिल कर लेते हैं तो फिर से इन भारत विरोधी नीतियों को आगे बढ़ाएंगे।
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