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Hajj 2024: हज करने मक्का जा रहे हैं तो भूल कर भी ना करें ये गलतियां, उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

Hajj 2024: इस्लाम धर्म की मान्यता है कि हज यात्रा से आत्मा को सभी सांसारिक पापों से शुद्धि मिलती है और जीवन में शांति मिलती है। ऐसे में आपकी हज यात्रा सफल हो तो हज यात्रा से पहले और हज यात्रा के समय बहुत बातों का ध्यान रखना पढ़ता हैं।

नई दिल्लीJun 17, 2024 / 05:05 pm

Jyoti Sharma

Keep these things in mind while going for Hajj 2024

Hajj 2024: इस्लाम धर्म का बड़ा त्यौहार ईद-अल-अधा 16-18 जून को मनाया जा रहा है। इस पवित्र मौके (Eid-Al-Adha) पर 14 जून से 19 जून तक मक्का में हज यात्रा भी चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 30 लाख हज यात्री सऊदी अरब (Saudi Arabia) के मक्का पहुंच रहे हैं। यहां हम आपको इस यात्रा की कुछ खास बातेें बता रहे हैं जो हर हज यात्री के लिए धार्मिक और सामाजिक तौर पर बेहद अहम हैं। इस्लाम धर्म की मान्यताओं के मुताबिक हज यात्रा का मतलब है काबा तक की जाने वाली यात्रा और इसे इस्लाम धर्म के लोगों को जीवन में एक बार करना ज़रूरी होता है। मान्यता है कि इससे आत्मा को सभी सांसारिक पापों से शुद्धि मिलती है और जीवन में शांति मिलती है। ऐसे में आपकी हज यात्रा सफल हो तो हज यात्रा से पहले और हज यात्रा के समय बहुत बातों का ध्यान रखना पढ़ता हैं।

कौन कर सकते हैं हज यात्रा (Hajj 2024)

1. इस्लाम धर्म का वो शख्स जिसकी उम्र 18 से 65 साल हो।

2- महिलाओं को यात्रा के लिए अपने पति या किसी रिश्तेदार के साथ जाना होगा जिससे वो शादी नहीं कर सकती।  
3- हजयात्रा इहराम पहन कर ही की जानी चाहिए। इहराम सफेद कपड़े से बनी एक खास पोशाक होती है। 

4- इन कपड़ों की गांठ बंधी नहीं होनी चाहिए। ना ही सिले हुए होने चाहिए। पुरुषों-महिलाओं किसी को भी दस्ताने भी नहीं पहनने चाहिए। 
5- यात्रा कर रहे लोगों को अपने कपड़ों पर किसी भी तरह का डियो, परफ्यूम या इत्र ना लगाएं।

6- हज यात्रा के दौरान, यौन गतिविधि, धूम्रपान या गंदे शब्दों का इस्तेमाल ना करें। 
7- हज यात्री इस दौरान किसी तरह की व्यापारिक गतिविधि ना करें। 

8- पुरुषों और महिलाओं दोनों को साफ-सुथरा रहना चाहिए और पुरुष नाखून, दाढ़ी और सिर भी मुंडवा सकते हैं।  

9- पेड़ों-जानवरों को नुकसान ना पहुंचाएं क्योंकि यह हज के नियमों के खिलाफ है।  
10- अगर कोई हज यात्री, हज यात्रा के इन नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो उसे दंडित भी किया जाता है।  

आब-ए-ज़मज़म का पानी भी ना लाएं साथ? 

आब -ए – ज़मज़म का इस्लाम धर्म में काफी महत्व हैं। ये मक्का में ज़मज़म नामक कुएं के पानी को संदर्भित करता है जो मक्का की मस्जिद अल-हरम की सीमा के भीतर है। जमजम का ये पानी बेहद पवित्र माना जाता है। पहले हर हज यात्री इस कुएं का थोड़ा पानी अपने साथ ले आता था लेकिन साल 2022 में जमजम के पानी साथ में लाने पर पाबंदी लग गई थी। 
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