ईरान में एंटी-हिजाब (Anti-hijab) प्रदर्शनों के दौरान आमतौर पर ईरान की सड़कों पर टायर जलाने और विरोध करने वाली भीड़ ही सामने आई है लेकिन बुधवार को लोगों के सड़कों पर नाचते और पटाखें फोड़ते हुए हुए कई वीडियो वायरल हो गए। वजह थी फीफा वर्ल्ड कप में ईरानी फुटबॉल टीम का अमेरिका की टीम से हार जाना। हालांकि, यह डांस और खुशी भी वास्तव में एक तरह का विरोध प्रदर्शन ही था क्योंकि प्रदर्शनकारी ऐसे समय में विश्व कप में फुटबॉल टीम को भेजे जाने की निंदा कर रहे थे जब उनका देश एंटी-हिजाब प्रदर्शनों की आंच में जल रहा है।
अमिनी के गृहनगर से शुरू हुआ जश्न
महसा अमिनी के गृहनगर साकेज सहित ईरान के कई अन्य शहरों में नागरिकों ने आतिशबाजी का उपयोग करके अपने देश की टीम की हार का जश्न मनाया। लंदन स्थित ईरान वायर वेबसाइट ने ट्विटर पर कहा, ‘ईरान की फुटबॉल टीम के खिलाफ अमेरिका के पहले गोल के बाद सकेज नागरिकों ने जश्न मनाना और आतिशबाजी करना शुरू कर दिया है।’ हिजाब ना पहनने की वजह से 22 साल की लड़की महसा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था जहां उसकी संदिग्ध मौत हो गई। इसके बाद देशभर में हिजाब व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे।
महसा अमिनी के गृहनगर साकेज सहित ईरान के कई अन्य शहरों में नागरिकों ने आतिशबाजी का उपयोग करके अपने देश की टीम की हार का जश्न मनाया। लंदन स्थित ईरान वायर वेबसाइट ने ट्विटर पर कहा, ‘ईरान की फुटबॉल टीम के खिलाफ अमेरिका के पहले गोल के बाद सकेज नागरिकों ने जश्न मनाना और आतिशबाजी करना शुरू कर दिया है।’ हिजाब ना पहनने की वजह से 22 साल की लड़की महसा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था जहां उसकी संदिग्ध मौत हो गई। इसके बाद देशभर में हिजाब व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे।
खिलाड़ी हारे और सरकार हारी
ईरानी खेल पत्रकार सईद जाफरानी ने हार के बाद ट्वीट किया, किसने कभी सोचा होगा कि मैं तीन मीटर कूदूंगा और अमेरिका के गोल का जश्न मनाऊंगा!’ इसी तरह पोडकास्टर इलाहे खोसरावी ने भी ट्वीट किया: ‘बीच में खेलने से आपको यही मिलता है। वे लोगों, विरोधियों और यहां तक कि सरकार से हार गए।’
ईरानी खेल पत्रकार सईद जाफरानी ने हार के बाद ट्वीट किया, किसने कभी सोचा होगा कि मैं तीन मीटर कूदूंगा और अमेरिका के गोल का जश्न मनाऊंगा!’ इसी तरह पोडकास्टर इलाहे खोसरावी ने भी ट्वीट किया: ‘बीच में खेलने से आपको यही मिलता है। वे लोगों, विरोधियों और यहां तक कि सरकार से हार गए।’
सरकार की है यह टीम, हमारी नहीं
ईरानी फुटबॉल टीम ने 22 नवंबर को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपने उद्घाटन मैच से पहले राष्ट्रगान गाने से मना करते हुए अपनी तरह से एंटी—हिजाब प्रदर्शनों पर सरकार के दमन का विरोध किया था। जहां, कुछ लोगों ने इस कदम को साहसी बताया वहीं अधिकांश का मानना था कि ऐसे उथलपुथल भरे समय में विश्व कप खेलने भेजी गई यह टीम ईरान के लोगों का नहीं बल्कि सरकार का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में टीम की हार का जश्न सरकार की हार के जश्न के रूप में मनाया गया।
ईरानी फुटबॉल टीम ने 22 नवंबर को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपने उद्घाटन मैच से पहले राष्ट्रगान गाने से मना करते हुए अपनी तरह से एंटी—हिजाब प्रदर्शनों पर सरकार के दमन का विरोध किया था। जहां, कुछ लोगों ने इस कदम को साहसी बताया वहीं अधिकांश का मानना था कि ऐसे उथलपुथल भरे समय में विश्व कप खेलने भेजी गई यह टीम ईरान के लोगों का नहीं बल्कि सरकार का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में टीम की हार का जश्न सरकार की हार के जश्न के रूप में मनाया गया।