बेहद डरे हुए थे भारतीय छात्र
न्यूज एजेसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक इज़राइल में कार्बनिक रसायन विज्ञान में पीएचडी के छात्र राहुल ने इजरायल (Israel) में उस मंजर को याद किया जब 7 अक्टूबर को हमास ने आतंकी हमला किया था। हमास के आतंक के बाद इजरायल ने हमास (Hamas) पर हमले का ऐलान किया था। राहुल कहते हैं कि वो भ्रम में पड़ गए थे। उन्होंने कहा कि “जब ये युद्ध शुरू हुआ, तो यह सब बहुत अचानक था। उस दिन अराजकता और भ्रम फैला हुआ था ऐसा लग रहा था कि शायद हमें भी नुकसना होगा लेकिन फिर चीजें साफ होने लगी थीं। भारतीय दूतावास (Indian Embassy in Israel) ने घर वापसी को लेकर हमसे संपर्क किया। उन्होंने हम सभी को वापस भेजने का आश्वासन दिया। राहुल ने कहा कि भारतीय दूतावास ने तेजी से निकासी का आयोजन किया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि घर लौटने के इच्छुक सभी छात्र दो से तीन दिनों के भीतर ऐसा कर सकें।
दो-तीन दिनों में घर पहुंच गए थे
राहुल ने कहा कि आखिर वो दो-तीन दिनों में भारत वापस ले गए। मुझे पता था कि वास्तव में क्या करना है, भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने जो किया उसके लिए वो उन्हें धन्यवाद देते हैं।
भारत सरकार ने चलाया था ‘ऑपरेशन अजय’
बता दें कि हमास के इजरायल पर हमले के बाद वहां फंसे भारतीय छात्रों और भारतीय लोगों को वापस भारत लाने के लिए मोदी सरकार ने ऑपरेशन अजय (Operation Ajay) शुरू किया था जो बीते साल 2023 में 11 अक्टूबर को चलाया गया था। इस ऑपरेशन का नाम संस्कृत शब्द ‘अजय’ के नाम पर रखा गया था। इस ऑपरेशन के जरिए दिसंबर 2023 तक 1309 भारतीय नागरिक, 14 OCI कार्ड धारक और 20 नेपाली भारत से चली 6 उड़ानों से इजरायल से भारत लौटे।
हमास के हमले में मारे गए थे 1200 लोग
बता दें कि इजरायल पर हुए हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे और 240 इजरायली और विदेशियों को बंधक बना लिया गया था। 134 बंधकों में से इजरायल ने हाल ही में उनमें से 31 को मृत घोषित कर दिया था।