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भारत के लिए चीन-नेपाल ने खड़ी की नई मुसीबत, दोतरफा मुश्किलों से घिर रहा इंडिया, जानें क्या है मामला

Nepal PM Visit to China: भारत विरोधी केपी शर्मा ओली का झुकाव चीन की तरफ है, प्रधानमंत्री बनने के बाद वे अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन जा रहे हैं।

नई दिल्लीNov 30, 2024 / 09:44 am

Jyoti Sharma

India anti Nepal PM Oli visit to China decision on BRI

India anti Nepal PM Oli visit to China decision on BRI

Nepal PM Visit to China: भारत विरोधी नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सोमवार को अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन के लिए रवाना होंगे। इस साल जुलाई में हुए चुनाव में ओली (KP Sharma Oli) प्रधानमंत्री चुने गए थे। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि “प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्टेट काउंसिल के प्रीमियर ली कियांग के न्यौते पर 2 से 5 दिसंबर तक चीन की यात्रा पर रहेंगे। PM ओली के साथ उनकी पत्नी राधिका शाक्य भी होंगी।”
अपनी चीन की इस यात्रा के दौरान ओली चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से मुलाकात करेंगे और इसके बाद वे अपने चीनी समकक्ष ली कियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके अलावा ओली चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष झाओ लेजी के साथ भी मुलाकात करेंगे। 

भारत के लिए नई मुसीबत

गौर करने वाली बात ये है कि नेपाल के प्रधानमंत्री की दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) समझौते पर नेपाल के सहमत होने पर बहस चल रही है। हालांकि नेपाल ने अपना रुख अभी साफ नहीं किया है। लेकिन ओली के चीन के प्रति झुकाव को देखते हुए जानकार ये कह रहे हैं कि BRI पर नेपाल सहमत हो सकता है अगर ऐसे हुआ तो भारत के लिए और भी बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। क्योंकि एक तरफ तो भारत पाकिस्तान में BRI का विरोध कर रहा है क्योकि इसका रास्ता PoK से होकर निकल रहा है जिसे CPEC यानी चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा कहा जा रहा है। दूसरी तरफ अब अगर नेपाल में भी ऐसा हुआ तो सीमा के रास्ते भारत में चीनी पैठ आसान हो जाएगी, जो कि भारत की संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। 

सरकार के साथी नेता राजी नहीं

हालांकि इस पर नेपाल का फैसला इतनी आसानी से होना मुश्किल दिखाई देता है क्योंकि नेपाली कांग्रेस और प्रधानमंत्री ओली के नेतृत्व वाली CPN-UML सरकार चीन के इस BRI मुद्दे पर मुद्दे पर विश्वास कायम नहीं कर पाई है। ऐसे में इस पर सरकार के सहमत होने के लिए नेपाल को अपने ही नेताओं को पहले मनाना पड़ेगा।  

क्या है BRI? 

बात दें कि BRI यानी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव चीन की 2013 में शुरू की गई वैश्विक विकास की एक रणनीति है। इसे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ही लॉन्च किया था। पाकिस्तान में चीन इसे बड़ी तेजी से आगे बढ़ा रहा है लेकिन नेपाल में BRI पर उतनी तेजी से काम नहीं चल रहा है। इसके पीछे वित्तीय और भू-राजनीतिक वजहें हैं। क्योंकि क्योंकि नेपाल भारत और चीन के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करता है। लेकिन नेपाल BRI को अपने आर्थिक विकास के लिए एक बड़ा अवसर मानता है, ऐसे में उसके चीन के सहमत होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

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