1- रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी श्रमिकों की घनी आबादी वाले दक्षिणी कुवैत क्षेत्र, अहमदी गवर्नरेट के मंगफ में NBTC कंपनी ने इस इमारत को किराए पर लिया था। इस इमारत में इस ग्रुप ने अपने मजदूर ठहराए थे। इसमें कुल 196 मजदूर रहते थे। जांच में पता चला है कि इस इमारत (Kuwait Fire) की इतनी क्षमता ही नहीं थी कि वो इतनी बड़ी संख्या में लोगों को रख पाए लेकिन NBTC ग्रुप के लालच ने इन गरीब मजदूरों को घुट-घुट कर रहने को मजबूर कर दिया था।
2- इसी बिल्डिंग में सुरक्षा गार्ड का क्वार्टर भी था। जांच में पता चला है कि इस क्वार्टर में गार्ड खाना बना रहा था। जिस गैस सिलेंडर के जरिए वो खाना बना रहा था अचानक उसमें आग लग गई। आग देखते ही गार्ड घबरा गया देखते ही देखते आग ने भयानक रूप लेना शुरू कर दिया। आग को बुझाने के लिए मजदूर अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher) ढूंढते ही रह गए लेकिन वो कहीं मिला ही नहीं, यहां तक उस पूरे फ्लोर पर आग बुझाने का अग्निशमन यंत्र था ही नहीं जिससे आग फैलती चली गई।
3- आग के विकराल रूप (Kuwait Fire) धारण करने के बाद इसका धुआं से फ्लोर से दूसरे फ्लोर पर फैलने लगा क्योंकि इस पूरी बिल्डिंग में कहीं भी वेंटिलेशन के लिए जगह नहीं दी गई थी। इमारत में खिड़कियां नाम मात्र की थी क्योंकि वो शीशे की थीं जिन्हें खोला नहीं जा सकता था। इससे धुआं इस इमारत में भर गया और लोगों को दम घुट गया।
4- रिपोर्ट के मुताबिक इस इमारत में 196 मजदूर ठहराए गए जो भारत समेत अलग-अलग देशों से आए थे। बिल्डिंग की क्षमता से ज्यादा लोगों को बसाने के चलते भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई। क्योंकि यहां पर लोग इतने थे कि उन्हें ढंग से चलने को भी नहीं मिलता था और फिर आग से जो भगदड़ मची उसमें वो कुछ दब गए कुछ कुचल गए और बाहर भी लोग नहीं निकल पाए क्योंकि दरवाजा बंद था और कहीं से निकलने का रास्ता नहीं था।
5- बता दें कि इमारत का मालिक, जो कंपनी NBTC का प्रायोजक भी है, वो कुवैत का ही रहने वाला है। इस इमारत में आग लगने की घटना के बाद 92 लोग सुरक्षित निकाल लिए गए जबकि 20 नाइट ड्यटी के चलते बाहर थे जिससे उनकी जान बच गई। ये घटना बीते बुधवार सुबह 4 बजे हुई थी। जिससे इसका प्रभाव ज्यादा पड़ा क्योंकि तब ज्यादातर मजदूर सो रहे थे। जबकि कुछ की मौत तब हुई जब वो आग से बचने के लिए इमारत से कूद गए थे।
Kuwait Fire की घटना पर कुवैत के अमीर ने कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश
कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने अधिकारियों को इस घटना की जांच के आदेश दिए थे। साथ ही इस त्रासदी (Kuwait Fire) के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेही पेश करने को कहा। इसके अलावा कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबा खालिद अल-हमद अल-सबा और प्रधान मंत्री शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा ने भी आग की घटना में हताहतों पर शोक व्यक्त किया। अमीर ने इसे बिल्डिंग कोड उल्लंघन बताया है। अमीर ने इस घटना पर दुख भी जताया है और सहानुभूति व्यक्त की है साथ ही घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना भी की है। आधिकारिक कुवैत समाचार एजेंसी (KUNA) के मुताबिक फोरेंसिक विभाग के महानिदेशक मेजर जनरल ईद अल-ओवैहान ने कहा कि मृतकों में से 40 लोग भारत के हैं। इनमें ज्यादातर केरल, तमिलनाडु और उत्तर भारतीय राज्यों के नागरिक हैं।