विदेश

क्या ईरान-इज़राइल ने दे दी है तीसरे विश्व युद्ध की आहट, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Iran-Israel: रूस और यूक्रेन में जंग चल ही रही है। इज़राइल की फिलिस्तीन, ईरान,लेबनान, हमास, हिज़बुल्लाह, हूती, मिस्र, ईरान, जॉर्डन, लेबनान व सीरिया से जंग हो रही है। अब क्या ईरान इज़राइल ने तीसरे विश्व युद्ध की आहट दे दी है ?

नई दिल्लीSep 30, 2024 / 08:07 pm

M I Zahir

Israel Iran war

Iran-Israel : रूस और यूक्रेन में जंग चल ही रही है। इज़राइल की फिलिस्तीन,ईरान, लेबनान, मिस्र, इराक, जॉर्डन, लेबनान सीरिया हमास, हिज़बुल्लाह व हूती से जंग हो रही है। क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की आहट है। विश्व युद्ध III पहले से ही शुरू हो चुका है ? अमेरिका और उसके सहयोगियों की कार्रवाइयां उनके बयान के विपरीत हैं। बाइडन प्रशासन शांति का समर्थन करता है, लेकिन यमन पर बमबारी, इज़राइल का समर्थन और यूक्रेन के युद्ध को बढ़ाने में लगा है। मसलन 1930 के दशक में दुनिया युद्ध की ओर बढ़ी, वैसे ही आज भी ऐसा हो सकता है।

ईरान-इज़राइल संघर्ष

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान-इज़राइल संघर्ष एक जटिल और दीर्घकालिक मुद्दा है, जो कई ऐतिहासिक, राजनीतिक, और धार्मिक कारकों से प्रभावित है। यहां कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई है:
  1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
सन 1948 के बाद: जब इज़राइल का गठन हुआ, तब से अरब-इस्राइल संघर्ष शुरू हुआ। ईरान, जो पहले इज़राइल का सहयोगी था, बाद में इस संघर्ष में शामिल हो गया।
सन 1979 की ईरानी क्रांति: इस क्रांति के बाद ईरान ने इज़राइल के खिलाफ एक कट्टर विरोधी स्थिति अपनाई।
  1. भौगोलिक और राजनीतिक कारक:
सीरिया और लेबनान : इज़राइल की सीमाओं के पास ईरान का समर्थन करने वाले समूह, जैसे हिज़्बुल्लाह, इज़राइल के लिए एक सुरक्षा खतरा बनते हैं।
परमाणु कार्यक्रम: ईरान का परमाणु कार्यक्रम इज़राइल और पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय है। इज़राइल इसे अपनी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानता है।
  1. आर्थिक और सैन्य पहलू:
सैन्यीकरण: दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही सैन्य क्षमताओं में वृद्धि हो रही है। ईरान ने अपनी मिसाइल क्षमताओं को मजबूत किया है, जबकि इज़राइल अपने सैन्य बल को बढ़ा रहा है।
आर्थिक प्रतिबंध : ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंध उसकी आर्थिक स्थिति को कमजोर कर रहे हैं, जिससे उसे अपने सैन्य कार्यक्रमों को बनाए रखने में मुश्किलें हो रही हैं।

  1. अंतरराष्ट्रीय संबंध:
अमेरिका का रुख: अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए इज़राइल का समर्थन करता है, जिससे तनाव और बढ़ता है।
पाकिस्तान और तुर्की का रुख : ये देश ईरान के साथ संबंध बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, जो क्षेत्र में शक्ति संतुलन को प्रभावित करता है।
  1. संभावित परिणाम
क्षेत्रीय युद्ध : यदि संघर्ष और बढ़ता है, तो यह व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है, जिसमें अन्य देश भी शामिल हो सकते हैं। शांति की संभावना: दोनों पक्षों के बीच संवाद और मध्यस्थता से शांति की संभावनाएँ हो सकती हैं, लेकिन वर्तमान में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

अमेरिकी साम्राज्यवाद जंग का कारण

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी साम्राज्यवाद को जंग का एक कारण माना जा रहा है। अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों की नीति दुनिया में अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, जबकि वे बड़े युद्ध से बचने की कोशिश कर रहे हैं। इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के कारण इज़राइल की आक्रामक नीतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे गाजा में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है। वहीं यूक्रेन-रूस युद्ध में यूक्रेन के खिलाफ रूस की गतिविधियां रोकने के लिए अमेरिका सैन्य सहायता बढ़ा रहा है, जबकि शांति की संभावनाओं को नजरअंदाज कर रहा है। इधर चीन की ताकत बढ़ रही है। चीन की आर्थिक शक्ति का विकास अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, जिससे युद्ध की आशंका बढ़ सकती है।

युद्ध विरोधी नीतियों का समर्थन

रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि श्रमिक आंदोलनों को युद्ध विरोधी नीतियों का समर्थन करना चाहिए और सभी प्रकार के सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। बड़े देशों का दूसरे देशों पर नियंत्रण स्थापित करने और उनके संसाधनों का दोहन करने की कोशिशें की जा रह हैं। देशों के बीच बढ़ती तनाव, असहमति और विवाद, जैसे सीमाओं का संघर्ष या नीतिगत भिन्नताएं शामिल हैं। आर्थिक संकट, संसाधनों की कमी और वैश्विक व्यापार असंतुलन और जो देशों के बीच संघर्ष को बढ़ावा देते हैं।

गलत सूचनाएं और प्रचार युद्ध

बहरहाल रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि कई देशों ने अपने सैन्य बल को बढ़ावा दिया और हथियारों की होड़ में शामिल हो गए हैं। पूर्व के युद्धों और संघर्षों के परिणामस्वरूप उत्पन्न समस्याएं, जैसे कि जातीय और धार्मिक मतभेद हैं। कई बार नेताओं के फैसले और रणनीतियां भी संघर्षों को जन्म देती हैं, जो वैश्विक स्तर पर युद्ध का कारण बन सकती हैं। गलत सूचनाएं और प्रचार युद्ध के प्रति लोगों की सोच को प्रभावित कर सकते हैं। दुनिया में शांति की आवश्यकता है और यह कि साम्राज्यवादी शक्तियां दुनिया युद्धों को बढ़ावा दे रही हैं, जो अंततः गरीब और श्रमिक वर्ग को नुकसान पहुंचा रही हैं।
ये भी पढ़ें: Osho आश्रम का काला सच, 6 साल की बच्ची से तीन संन्यासियों ने किया यौन शोषण

बाइडन को छोड़ कर ट्रंप से क्यूं मिले यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की, क्या है वजह ?

Hindi News / world / क्या ईरान-इज़राइल ने दे दी है तीसरे विश्व युद्ध की आहट, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.