भारत ने भी जताया था कड़ा विरोध पिछले दिनों भारत ने गूगल के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज किया था। दरअसल चुछ जानकारों का मानना है कि Google Gemini AI Tool प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को फासीवाद के तौर पर दिखाता है। इस इमेज ने कंपनी और सरकार के बीच टकराव को उकसाया है। जेमिनी की ये इमेज भारत की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा, असहमति पर इसकी कार्रवाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का उपयोग के तौर पर दिखाई गई है। इस पर भारत ने गूगल को कड़ी फटकार लगाई थी।
कहां से उठा ये मामला बीते दिनों गूगल जेमिनी के कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी थी। एंटरप्राइज सर्च स्टार्टअप ग्लीन के संस्थापक इंजीनियर देबर्घ्य दास ने Gemini Tool की जनरेट की हुई फोटो को पोस्ट करते हुए कहा था कि इन फोटो में ये पहचानना मुश्किल है कि इनमें से श्वेत लोग कौन से हैं, क्योंकि इस टूल ने तो सभी इमेज को गहरे त्वचा के रंग का जनरेट किया है। ये श्वेत लोगों के लिए बेहद शर्मनाक बात है। Google का ये टूल तो ये बता रहा है कि श्वेत लोगों का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
दास ने जो तस्वीरें पोस्ट की वो Gimini AI जेनरेटेड थीं। इसमें चार स्वीडिश महिलाओं की तस्वीर थी, इनमें कोई भी श्वेत नहीं था, सभी ब्लैक और एशियाई नाजी सैनिकों की तस्वीरें थीं। यूजर्स की शिकायतों के बाद बंद की सर्विस
सर्च इंजन Google ने ये ऐलान तब किया जब Gemini AI यूजर्स ने इसकी शिकायत सोशल मीडिया पर कर दी। Google ने सोशल मीडिया साइट X पर कहा कि “हम पहले से ही जेमिनी की छवि निर्माण सुविधा के साथ हालिया मुद्दों को संबोधित करने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसा करते समय, हम लोगों की छवि निर्माण को रोकने जा रहे हैं और जल्द ही एक बेहतर संस्करण फिर से जारी करेंगे।”