शोधकर्ताओं ने की ये गणना
अंतर्राष्ट्रीय टीम ने हाइड्रोलॉजिकल मॉडल के डेटा का उपयोग करके लगभग 50×50 किलोमीटर के स्थानिक रिज़ॉल्यूशन पर मासिक धारा प्रवाह और मिट्टी की नमी की गणना की, जो मीठे पानी के चक्र पर सभी प्रमुख मानव प्रभावों को जोड़ती है। शोधकर्ताओं ने पूर्व-औद्योगिक काल (1661-1860) के दौरान की स्थितियों का निर्धारण किया। फिर उन्होंने इस आधार रेखा के विरुद्ध औद्योगिक अवधि (1861-2005) की तुलना की। विश्लेषण में धारा प्रवाह और मिट्टी की नमी में विचलन असाधारण रूप से शुष्क या गीली स्थितियों की आवृत्ति में वृद्धि देखी गई।