इससे पहले डॉ जयशंकर का यहां पहुंचने पर श्री बालासुरिया और श्री थोंडामन ने उनका स्वागत किया। वह राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने से शिष्टाचार भेंट करेंगे। उनकी और साथ गये प्रतिनिधिमंडल की विदेश मंत्री अली साबरी के साथ भी बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद विदेश मंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर काम
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत डॉ जयशंकर की यह यात्रा श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, क्योंकि यह उसका सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और समय की कसौटी पर खरा उतरा मित्र है। यह यात्रा संपर्क परियोजनाओं और विभिन्न क्षेत्रों में अन्य पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गति प्रदान करेगी।