डायनासोर और मगरमच्छ का मिश्रण
इस खोज में कंकाल का सिर्फ एक हिस्सा मिला है. इसमें कंधे, पंख, पैर और रीढ़ की हड्डी शामिल है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि हड्डियां एक ही टेरोसोर की हैं. माना जाता है कि टेरोसोर डायनासोर और मगरमच्छ दोनों से जुड़े हुए थे। ऐसा लगता है कि आम तौर पर लंबी पूछ और उड़ने वाले ये छोटे सरीसृप कई तरह की नस्लों में विकसित हुए थे. जो मौजूदा कंकाल मिला है वह डार्विनोप्टेरा नाम के समूह से संबंधित है।
पूरी तस्वीर बनाने में आ रही मुश्किल
जर्नल ऑफ वर्टेब्रेट पेलियोन्टोलॉजी में हाल में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट में रिसर्चरों ने लिखा है कि टेरोसोर की पूरी तस्वीर बनाने में मुश्किल आ रही है, क्योंकि अब तक की खोज में जो कंकाल मिले हैं वे अलग-अलग टुकड़ों में बंटे हुए हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि मध्य जुरासिक काल के टेरोसॉर जीवाश्म दुर्लभ और अधिकतर अधूरे हैं, जिससे यह समझने के प्रयासों में बाधा आ रही है कि ये जीव कैसे विकसित हुए।
ऐसे मिला इस प्रजाति को नाम
सियोप्टेरा इवान्से को इसके नाम का पहला भाग स्कॉटिश गेलिक शब्द ‘सियो’, जिसका अर्थ है धुंध या कोहरा और लैटिन शब्द ‘टेरा’ से मिला है, जिसका अर्थ है पंख से मिला है। नाम का दूसरा हिस्सा ‘इवांसे’ ब्रिटिश जीवाश्म विज्ञानी सुसान ई इवांस’ के नाम से लिया गया है। उन्होंने कई वर्षों तक आइल ऑफ स्काई पर काम किया था। टेरोसोर करीब 6.6 करोड़ वर्ष पहले विलुप्त हो गए थे। डायनासोर भी लगभग उसी समय विलुप्त हुए थे. टेरोसोर की हड्डियां नाजुक थीं, इसलिए उनके जीवाश्म काफी कम पाए जाते हैं।
एक्सपर्ट कमेंट
मध्य जुरासिक काल की इस डायनासोर प्रजाति की ब्रिटेन में मौजूदगी पूरी तरह से आश्चर्यचकित करती है क्योंकि इसके अधिकांश ‘करीबी रिश्तेदार’ चीन से हैं। यह बता है कि उड़ने वाले सरीसृपों का समू हमारी सोच से पहले का है, जिसने जल्द ही लगभग दुनियाभर में ‘पंख फैला लिए’ थे।
प्रोफेसर पॉल बैरेट, शोधकर्ता, नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, ब्रिटेन