आइए नज़र डालते हैं उन कारकों पर जिनकी वजह से इंटरनेशल ट्रैवलिंग बढ़ने से रुक रही है।
आर्थिक माहौल
एक रिपोर्ट के अनुसार देशों का आर्थिक माहौल इंटरनेशल ट्रैवलिंग की राह में सबसे ज्यादा रोड़े अटका रहा है। भविष्य में इस क्षेत्र की मजबूती इस पर निर्भर करेगी कि दबी हुई मांग और पर्यटकों की यात्रा करने की इच्छा, कठिन आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों को मात दे पाएगी या नहीं।
परिवहन की उच्च लागत
परिवहन की उच्च लागत भी बड़ी चुनौती दूसरी बड़ी चुनौती परिवहन की उच्च लागत है। स्टाफ की कमी और नए ऑर्डर वाले विमानों की डिलीवरी में देरी ने एयरलाइंस जगत को प्रभावित किया। कोरोना के दौरान कई एयरलाइंस ने कनेक्शन और गंतव्यों के अपने वैश्विक नेटवर्क को छोटा किया था लेकिन महामारी के बाद इन्हें पूरी तरह से बहाल नहीं किया, जिससे हवाई सफर महंगा बना हुआ है।
होटलों के किराए में इजाफा
कोरोना महामारी के बाद होटलों के किराए में भी इजाफा हुआ है और इसका असर भी इंटरनेशनल ट्रैवलिंग पर पड़ा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध
रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी कई जोखिम खड़े किए हैं जिनसे इंटरनेशनल ट्रैवलिंग पर असर पड़ा है। इससे अनिश्चितता बढ़ी है और पूर्वी यूरोप में यात्राएं प्रभावित हुई हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आसपास के देशों में यात्रा करना जोखिमपूर्ण हुआ है। साथ ही लोगों में डर भी बढ़ा है। इज़रायल-हमास युद्ध से भी जोखिम बढ़ा है।
यात्रा संबंधी प्रतिबंध
कोरोना के बाद और युद्धों की वजह से यात्रा संबंधी कई प्रतिबंध भी लगे हैं, जिनसे इंटरनेशनल ट्रैवलिंग की रफ्तार धीमी हुई है।