नए घरों में प्रवेश करने का इंतजार
रिपोर्ट के अनुसार हिमालय के एक दूरदराज गांव में उस सीमा क्षेत्र के भीतर 18 चीनी नागरिक अपने नवनिर्मित घरों में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह क्षेत्र लंबे समय से चीन और भूटान के बीच विवाद की वजह रहा है। चीन पड़ोसी देश भारत और भूटान की सीमाओं पर अच्छी तरह से सुसज्जित गांव बनाने की अपनी योजना पर जोर दे रहा है।
2017 में भारत और चीन का हुआ था विवाद
इससे पहले साल 2017 में चीन और भारत के बीच सिलिगुड़ी कॉरिडोर को लेकर विवाद हुआ था। दरअसल, इस बॉर्डर के पास चीन की ओर से सड़क बनाने का प्रयास किया जा रहा था। इसे देखते हुए चीन की इस करतूत पर भारत ने सख्त रूख अपनाया था। जिसके बाद चीन को मजबूर होकर अपनी योजना को निरस्त करना पड़ा गया था। न्यूज रिपोर्ट में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ अधिकारियों की ओर बयान भी दिया गया है। जिसमें बताया गया है कि चीन का उद्देश्य अपने देश में गरीबी को जड़ से खत्म करन है। इसलिए वह भूटान सीमा पर गांव बसाने की योजना को शुरू कर रहा है।
सैटालाइट ने भेजी तस्वीरें
इसके अलावा रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि चीन के 18 लोगों के परिवार विवादित क्षेत्र में बने नए घरों में जाने की राह देख रहे हैं। गौरतलब है कि इस क्षेत्र को लेकर काफी समय से भूटान और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। इस बीच सैटालाइट से भी विवादित क्षेत्र की फोटो जारी की गई थी। जिसमें दावा किया गया है कि वहां पर चीन के यह गांव मौजूद है। न्यूज रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पिछले साल तिब्बत स्वायत्तर क्षेत्र में सीमा से सटे गांवों को बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए थे।
इन सीमावर्ती गांव में तिब्बत के शइगात्से से 38 परिवार यहां शिफ्ट हो गए थे। उधर, अमेरिका ने भी भूटान बॉर्डर पर चीनी गांव के बसने के बारे में पुष्टि की है। इसके लिए अमेरिका ने मैक्सार टेकनॉलजी की मदद से भूटान बॉर्डर के नजदीक क्षेत्रों की फोटोज क्लिक की हैं। जिसमें गांव बसने की पुष्टि की गई है। फिलहाल, भूटान इस विवाद पर सामान्य नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, थिंपू विवाद को लेकर भूटान चाहता है कि वह चीन से बातचीत के जरिए इस मसले को हल करें।