कैसा होता अंतरिक्ष में भोजन?
दरअसल ऑस्ट्रेलिया के रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (RMIT) विश्वविद्यालय ने हाल ही में एक रिसर्च की है। जिसमें धरती से अंतरिक्ष में खाने के स्वाद (Taste of Food in Space) पर शोध किया गया है। जिसमें पता चला है कि धरती पर जो खाना हम खा रहे हैं उसका स्वाद में अंतरिक्ष में गए भोजन का स्वाद काफी अलग हो जाता है। स्वाद में इस अंतर की वजह रिसर्चर्स ने गुरुत्वाकर्षण बल की कमी बताया है। ग्रेविटी की वजह से अंतरिक्ष में खाना स्वादिष्ट नहीं बल्कि फीका लगता है। स्पेस में अंतरिक्ष यात्री खाना खाते हैं तो खाना मुंह से पेट में जाने के साथ-साथ तालू में भी चिपक जाता है। इसकी वजह से नाक बंद हो जाती है। ऐसे में एस्ट्रोनॉट्स को न तो खाने की खुशबू मिल पाती है और न ही खाने का स्वाद। ऐसे में साफ है कि अंतरिक्ष यात्रियों को कितना भी स्वादिष्ट खाना भेजा जाए, वह स्वादहीन ही लगेगा। शोध में ये भी पता चला कि अंतरिक्ष के नीरस माहौल के कारण भी खाने का स्वाद महसूस नहीं होता। स्पेस स्टेशन में बहुत ज्यादा जगह नहीं होती है। ऐसे में खाना और काम एक ही स्थान पर होता है। एक ही जगह पर एक ही जैसा खाना रोज-रोज खाने की वजह से भी एक समय बाद खाना बेस्वाद लगने लगता है।