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विदेश

गुलाब-जामुन, पिज़्ज़ा, पनीर…धरती से कितना अलग है अंतरिक्ष में खाने का स्वाद

Taste of Food in Space: धरती पर हर तरह के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद अंतरिक्ष में कैसा होता है, इस पर वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है।

नई दिल्लीJul 18, 2024 / 09:36 am

Jyoti Sharma

Taste of Food in space

Taste of Food in Space: गुलाब जामुन, जलेबी, लस्सी, बर्गर, पिज़्ज़ा, कचौरी, पनीर, नूडल्स…क्यों.. सुनते ही मुंह में पानी आ गया ना…आएगा भी क्यों ना आखिर ये दुनिया के स्वादिष्ट भोजन में शुमार जो है। सिर्फ यही नहीं इनके अलावा ऐसी बहुत सी स्वादिष्ट चीजें हैं जिनका नाम सुनते ही उनके मुंह में इसका स्वाद घुल जाता है। धरती पर हर तरह के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद ले-लेकर इसे खाया जाता है लेकिन क्या हो अगर यही स्वादिष्ट भोजन आपको धरती की जगह अंतरिक्ष (Space) में दिया जाए, तो क्या आप इन्हें इसी स्वाद के साथ खा सकते हैं? यहां हम बात कर रहे हैं कि क्या धरती से अंतरिक्ष में भोजन का स्वाद बदल जाता है, और अगर बदलता है तो क्या वो धरती के भोजन से भी ज्यादा स्वादिष्ट लगता है?

कैसा होता अंतरिक्ष में भोजन?

दरअसल ऑस्ट्रेलिया के रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (RMIT) विश्वविद्यालय ने हाल ही में एक रिसर्च की है। जिसमें धरती से अंतरिक्ष में खाने के स्वाद (Taste of Food in Space) पर शोध किया गया है। जिसमें पता चला है कि धरती पर जो खाना हम खा रहे हैं उसका स्वाद में अंतरिक्ष में गए भोजन का स्वाद काफी अलग हो जाता है। स्वाद में इस अंतर की वजह रिसर्चर्स ने गुरुत्वाकर्षण बल की कमी बताया है। ग्रेविटी की वजह से अंतरिक्ष में खाना स्वादिष्ट नहीं बल्कि फीका लगता है। स्पेस में अंतरिक्ष यात्री खाना खाते हैं तो खाना मुंह से पेट में जाने के साथ-साथ तालू में भी चिपक जाता है। इसकी वजह से नाक बंद हो जाती है। ऐसे में एस्ट्रोनॉट्स को न तो खाने की खुशबू मिल पाती है और न ही खाने का स्वाद। ऐसे में साफ है कि अंतरिक्ष यात्रियों को कितना भी स्वादिष्ट खाना भेजा जाए, वह स्वादहीन ही लगेगा। 
शोध में ये भी पता चला कि अंतरिक्ष के नीरस माहौल के कारण भी खाने का स्वाद महसूस नहीं होता। स्पेस स्टेशन में बहुत ज्यादा जगह नहीं होती है। ऐसे में खाना और काम एक ही स्थान पर होता है। एक ही जगह पर एक ही जैसा खाना रोज-रोज खाने की वजह से भी एक समय बाद खाना बेस्वाद लगने लगता है।

ऐसे किया शोध

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक वैज्ञानिकों ने शोध के लिए वीआर और स्पेसशिप के सिम्युलेटेड से अंतरिक्ष जैसा माहौल तैयार किया। इसमें 54 प्रतिभागियों को वेनिला, बादाम और नींबू का रस दिया गया। अंतरिक्ष जैसे वातावरण में ग्रेविटी की कमी के कारण यह तरल पदार्थ मुंह में ऊपर की तरफ चला जाता है। इससे नाक में जकडऩ आ जाती है और स्वाद और सूंघने की क्षमता प्रभावित होती है।
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