पहला मौका नहीं
यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने ताइवान के पास सैन्याभ्यास किया है। पिछले एक साल में चीन कई बार ऐसा कर चुका है। चीन के ऐसा करने को उसके ताइवान को घेरने की तैयारी भी बताया जाता है।
ताइवान को चेतावनी देने के लिए किया सैन्याभ्यास
चीन ने आज ताइवान को चेतावनी देने के लिए बॉर्डर के पास सैन्याभ्यास किया। ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई (William Lai) हाल ही में अमेरिका दौरे पर गए थे, जिससे चीन की नाराज़गी बढ़ गई थी। चीन के आज किए गए सैन्याभ्यास का मकसद सैन्य जहाजों और फाइटर जेट्स के समन्वय और एयर-स्पेस के साथ ही सी-स्पेस पर भी नियंत्रण हासिल करने की उनकी क्षमता को प्रशिक्षित करना है।
ताइवान ने की चीन के सैन्याभ्यास की निंदा
ताइवान ने चीन के सैन्याभ्यास की निंदा की है। ताइवान ने चीन के इस कदम को तर्कहीन और उकसाने की हरकत बताया है। साथ ही ताइवान ने यह भी कहा है कि वह अपने देश की रक्षा के लिए उचित फोर्सेज़ तैनात करेगा और अपनी आज़ादी, डेमोक्रेसी और संप्रुभता की रक्षा करेगा।
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42 चाइनीज़ फाइटर जेट्स घुसे ताइवान के एयर-स्पेस में ताइवान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने जानकारी देते हुए बताया कि चीन के सैन्याभ्यास शुरू करने के बाद 42 चाइनीज़ फाइटर जेट्स ताइवान के एयर-स्पेस में घुसे। साथ ही 8 समुद्री जहाजों में भी चीन के सैन्याभ्यास में हिस्सा लिया।
क्या है चीन और ताइवान के बीच विवाद की वजह?
दरअसल चीन और ताइवान 1949 में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। तभी से ताइवान अपना स्वतंत्र अस्तित्व मानता है और खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। दूसरे कई देश भी ताइवान को एक स्वतंत्र देश मानते हैं। वहीं चीन इसका विरोध करता है और ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। दोनों देशों के बीच विवाद की यही वजह है।