इनके अलावा चीन की दो कंपनियों पर भी ईरानी पेट्रोकेमिकल व्यापार में शामिल होने के चलते प्रतिबंध लगाया गया है। ओएफ़एसी के एक अधिकारी ब्रायन ई नेल्सन ने कहा है कि जब तक ईरान संयुक्त व्यापक कार्ययोजना को पूरी तरह लागू करने के पारस्परिक प्रयासों से इनकार करता रहेगा, अमेरिका ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री पर अपने प्रतिबंधों को लागू रखेगा। उन्होंने कहा, अमरीका ईरान के गैरक़ानूनी तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री को गंभीरता से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत ने बंद किया था आयात प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रिलियंस पेट्रोकेमिकल कंपनी लिमिटेड नेटवर्क हांगकांग की वो कंपनी है जो ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री के लिए बिचौलिए का काम करती है। कंपनी ने ईरान केमिकल इंडस्ट्रीज़ इनवेस्टमेंट कंपनी और मिडिल ईस्ट कीमिया पार्स कंपनी से प्रोडक्ट खरीदे जो आखिर में भारत भेजे गए।
ये भारतीय कंपनी भी की गई प्रतिबंधित भारतीय कंपनी टीबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने लाखों डॉलर के ईरानी उत्पाद खरीदे जिन्हें बाद में चीन भेजा गया। अमरीका ने टीबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। मई 2019 तक ईरान भारत का सबसे बड़ा एनर्जी सप्लायर था। अमरीकी प्रतिबंधों के डर से भारत ने ईरान से कच्चा तेल और बाकी चीज़ें आयात करना बंद कर दिया था।
अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा था कि ईरानी उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध से बचने के प्रयास करने वालों पर अमेरिका कार्रवाई कर रहा है और आगे भी करेगा।