वर्तमान और भविष्य दोनों खतरनाक
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति व्यक्ति प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन हर साल 8 किलोग्राम प्रति व्यक्ति) के हिसाब से कम होने की वजह से भारत को कम कचरा उत्पादक प्रदूषक के रूप में रखा गया है। 2024 में देश का 74 लाख टन कचरा बिना प्रबंधन के रहने की वजह भी 12 देशों में भारत भी है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर्यावरण में लगभग 3,91,879 टन माइक्रोप्लास्टिक और पानी के रास्तों में 31,483 टन रसायन छोड़ सकता है। जो वर्तमान और आने वाले समय के बेहद खरतनाक साबित हो सकता है। इस लिए इसके निस्तारण के लिए एक बड़ी योजना तो बनानी ही होगी साथ ही इन जिम्मेदार देशों को भी आगे आकर अपनी गलती सुधारनी होगी
बेल्जियम के लोग सबसे ज्यादा फैलाते हैं कचरा
रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 60 प्रतिशत कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार 12 देशों में चीन, भारत, रूस, ब्राजील, मैक्सिको, वियतनाम, ईरान, इंडोनेशिया, मिस्र, पाकिस्तान, अमरीका और तुर्की हैं।’ रिपोर्ट के मुताबिक बेल्जियम (Belgium) के नागरिक सबसे अधिक प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करते हैं। यह रिपोर्ट कनाडा के (Canada) ओटावा में संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी वार्ता समिति की चौथी बैठक से पहले आई है। वैश्विक नेता प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी उपाय विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।