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अजब गजब

रंग बदल रही हैं अलास्का की नदियां और धाराएं, वैज्ञानिक भी हैरान

शोधकर्ताओं ने पाया कि पानी का रंग लोहा, जस्ता, तांबा, निकल और सीसा जैसी धातुओं के कारण रंग बदल रहा है।

जयपुरJun 03, 2024 / 11:56 pm

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वाशिंगटन. अलास्का की कुछ नदियों और उनकी धाराएं रंग बदल रही हैं। सफेद और नीले रंग का पानी नारंगी हो रहा है। हैरान वैज्ञानिकों ने इस पर शोध शुरू किया। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और अमरीकी जियालॉजिकल सर्वे के शोधकर्ताओं ने अलास्का के ब्रूक्स रेंज के 75 स्थानों पर परीक्षण किया। इसमें पाया कि ऐसा पृथ्वी का पर्माफ्रॉस्ट पिघलने के कारण हो रहा है, जिससे पृथ्वी की सतह से विषाक्त धातुएं निकल रही हैं।
5 से 10 साल में दिखने लगा असर
जर्नल कम्युनिकेशंस: अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार पिछले पांच से 10 वर्षों में इस रेंज की नदियां और धाराएं रंग बदल रही हैं और उनका पानी धुंधला और नारंगी हो गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पानी का रंग लोहा, जस्ता, तांबा, निकल और सीसा जैसी धातुओं के कारण रंग बदल रहा है। कुछ नदी और धारा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए विषाक्त हैं, क्योंकि पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है और जलमार्गों को हजारों वर्षों से जमीन में दबे खनिजों के संपर्क में ला रहा है।
खनन से प्रभावित हो रही नदियां
अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर ब्रेट पॉलिन का कहना है, यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो महाद्वीपीय अमरीका की नदियों में होती है। यह 100 से हो रहे खनन का भी प्रभाव है, जो अब दिखने लगा है। लेकिन जब आप इस जगह से काफी दूर जंगलों में इसे देखते हैं तो चौंकाने वाला नजर आता है।
अलास्का की मिट्टी में कई तत्व
अध्ययन में कहा गया है कि आर्कटिक मिट्टी में प्राकृतिक रूप से कार्बनिक कार्बन, पोषक तत्व और धातुएं, जैसे पारा पर्माफ्रॉस्ट में मौजूद होती हैं। उच्च तापमान के कारण ये खनिज और उनके आसपास के जलस्रोत पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के कारण आपस में मिल जाते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि आर्कटिक दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है।
पर्माफ्रॉस्ट क्या है : ऐसी जमीन जिसमें बर्फ और कार्बनिक पदार्थ कम से कम लगातार दो वर्षों तक जमे हों। ये स्थान ज्यादातर उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास होते हैं।

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