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Weight loss : वजन घटाना चाहते हैं? इन सफेद चीजों से हमेशा के लिए बना लें दूरी


Manoj Kumar

4 November 2024

आलू के चिप्स : आलू के चिप्स को अक्सर अनहेल्दी तेल में तला जाता है और इनमें नमक की मात्रा अधिक होती है, जो सूजन और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। इनमें कैलोरी अधिक होती है पर पोषण कम, इसलिए ये हृदय और वजन (Weight loss) स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरे हैं।

फुल-फैट डेयरी जिसमें अतिरिक्त चीनी हो : फुल-फैट डेयरी उत्पाद जैसे फ्लेवर युक्त दही में अक्सर अतिरिक्त चीनी होती है, जो कोलेस्ट्रॉल और कैलोरी को बढ़ाती है। सामान्य फुल-फैट डेयरी संतुलित मात्रा में फायदेमंद हो सकती है, लेकिन शक्कर युक्त डेयरी वजन (weight gain) बढ़ा सकती है और मेटाबॉलिक समस्याओं का खतरा बढ़ा सकती है।

सफेद चावल : सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ऊँचा होता है क्योंकि इसमें बाहरी फाइबर की परत नहीं होती। इसे खाने से ब्लड शुगर (Blood sugar) तेजी से बढ़ती है और यह ब्राउन या वाइल्ड चावल की तुलना में कम पोषक होता है, खासकर अगर आप वजन (Weight loss) या ब्लड शुगर कंट्रोल कर रहे हैं।

सफेद ब्रेड : सफेद ब्रेड रिफाइंड आटे से बनी होती है, जिसमें फाइबर और पोषक तत्व नहीं होते। इसे खाने से ब्लड शुगर (Blood sugar) में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे ऊर्जा में गिरावट और खाने की तलब बढ़ती है। यह वजन (Weight gain) बढ़ाने और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।

सफेद आटा : रिफाइंड सफेद आटा पोषक तत्व और फाइबर में कम होता है, जिससे ब्लड शुगर (Blood sugar) में तेजी से वृद्धि होती है और जल्द भूख लगती है। इसे केक और स्नैक्स में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसे साबुत अनाज या वैकल्पिक आटे से बदला जा सकता है, जो स्थिर ऊर्जा और तृप्ति प्रदान करता है।

सफेद चीनी : रिफाइंड सफेद चीनी एक साधारण कार्बोहाइड्रेट है जिसमें कोई पोषण नहीं होता। अधिक मात्रा में इसे खाने से वजन, डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। इसे प्राकृतिक विकल्प जैसे शहद या फलों के मीठे पदार्थ से बदला जा सकता है, जो पोषक तत्व देते हैं और ब्लड शुगर (Blood sugar) को नियंत्रित रखते हैं।

सफेद पास्ता : सफेद पास्ता रिफाइंड गेहूं से बना होता है और इसमें फाइबर की कमी होती है, जिससे ब्लड शुगर (Blood sugar) तेजी से बढ़ती है। नियमित रूप से इसे खाने से वजन बढ़ सकता है और भूख जल्दी लग सकती है। इसकी जगह साबुत अनाज या दालों से बने पास्ता विकल्प सेहत के लिए बेहतर होते हैं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।