महाकालेश्वर में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। आगे की स्लाइड्स में पढ़ें कब रुप चतुर्दशी, कब गोवर्धन पूजा और कब मनेगी भाईदूज.
स दिन दीपदान का महत्व है। स्कंद पुराण के अनुसार दो दिन त्रयोदशी होने पर जिस दिन शाम को त्रयोदशी हो, वह श्रेयस्कर है। ऐसे में 29 अक्टूबर को धनतेरस रहेगी।
निर्णय सिंधु पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सूर्य उदय से पूर्व जब आकाश में चंद्रमा दिखाई दे रहा हो, तब अभ्यंग स्नान करना चाहिए। ऐसे में यह योग 31 अक्टूबर की अल सुबह ही बन रहा है।
महाकालेश्वर में ग्वालियर पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को दीपों का त्योहार दिवाली मनाया जाएगा।
दो दिन प्रतिपदा होने पर अमावस्या और प्रदोष युक्त प्रतिपदा होने पर सुबह की प्रतिपदा में गोवर्धन पूजन श्रेष्ठ माना गया है। इस बार यह 1 नवंबर को है।
यम द्वितीया मध्याह्न व्यापिनी ही लेना चाहिए। मध्याह्न काल में प्राप्त द्वितीया पर यह पर्व मनाया जाना चाहिए। इस वर्ष यह स्थिति 3 नवंबर को बन रही है, इसीलिए 3 नवंबर को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा।