'बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो'
'पाप से घृणा करो, पापी से नहीं'
अहिंसा परमो धर्म' Mahatma Gandhi के इन नारों ने भारतीयों के दिलों में ऐसा जोश भर दिया था कि अंग्रेजी हुकूमत तक हिल गई थी।
4 जून 1944 को सिंगापुर में एक रेडियो मैसेज देते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने Mahatma Gandhi को देश का पिता (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया था।
आगे चलकर भारत सरकार ने इस नाम को मान्यता दी। हालांकि Mahatma Gandhi को बापू इससे बहुत पहले से कहा जाता था।
Mahatma Gandhi करीब 20 सालों से ज्यादा समय दक्षिण अफ्रीका में रहे।
फिर साल 1915 में Mahatma Gandhi भारत वापस लौटे। इसके बाद वह आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए।
भारत को आजादी मिलने के सिर्फ 5 महीने बाद ही 30 जनवरी 1948 को Mahatma Gandhi की हत्या कर दी गई।