महासमुंद जिले के सरायपाली में शिशुपाल पर्वत स्थित है।
अब यह ट्रैकिंग और रोमांचक गतिविधियों के सैलानियों का नया ठिकाना बन गया है।
यहां 1100 फीट की ऊंचाई से झरता प्राकृतिक झरना खूबसूरत नजारा पेश करता है।
इस मनमोहक नजारा को देख लोग खुश हो जाते है। इसे घोड़ाधार वॉटरफॉल भी कहते हैं।
इस पर्वत पर चढऩे बहुत से लोग ट्रैकिंग भी करते हैं। ऐसे में यह प्रदेश का नया एडवेंचर प्लेस बनकर उभरा है।
रायपुर से इसकी दूरी 157 किमी है। यहां जाने के लिए आपको महासमुंद से सरायपाली पहुंचना होगा। यहां से 20 किमी दूर शिशुपाल पर्वत है।
मकर संक्रांति पर यहां बड़ा मेला सजेगा। आसपास के गांवों के अलावा प्रदेशभर से लोग इसमें जुटेंगे।
यहां पहाड़ पर राजा शिशुपाल का महल है, जो अब जीर्ण-शीर्ण हालत में है। राजा शिशुपाल के संदर्भ में कहा जाता है कि वे बेहद साहसी और आत्मसम्मानी थे।
बताते है कि कब्ज़े की नियत से जब अंग्रेजी सल्तनत ने महल पर आक्रमण कर राजा को घेर लिया तब शिशुपाल ने अपने घोड़े की आंखों पर पट्टी बांध दी और इस विशाल पर्वत की चोटी से कूद गए।
यहां पर्वत पर एक बहुत गहरी गुफा है। गुफा इतनी विशाल है कि सैकड़ों लोग एक साथ विश्राम करने के लिए भीतर बैठ सकते हैं।
लोग बताते हैं कि यहां सुरंग है और सुरंग के अंदर अब भी राजा के अस्त्र-शस्त्र पड़े हुए हैं।