ब्रह्मचारिणी: जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है।
चंद्रघंटा: मुसीबतों से निपटने तैयार रहें तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का पूजन होता है।
कूष्मांडा: इनके हाथों में अमृत से भरा कलश है, जो कि शक्ति व निरोगी जीवन का प्रतीक है।
स्कंदमाता: जीवन अच्छाई-बुराई के बीच रहना किसी देवासुर संग्राम जैसा है।
कात्यायनी: शोक और भय से भयभीत होने के बजाए जीतने के लिए प्रेरित करती हैं।
कालरात्रि: साधारण प्रयासों से सफलता न मिले तो अपने प्रयासों को और तेज कर देना चाहिए।
महागौरी : इनकी छवि सकारात्मकता व शांति का प्रतीक है।
सिद्धिदात्री : व्यक्ति को कीचड़ रूपी बुराइयों के बीच रहकर भी सुंदर व साफ रहना चाहिए।
तो ये है Navratri 2024 की नौ देवियां जो देती हैं जीवन को संदेश