आज के समय में पिज्जा का स्वाद और बनावट में कई बदलाव आए हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यह असल में अमीरों का नहीं, गरीबों का खाना था? तो जानते हैं इसकी इतिहास।
पिज्जा की शुरुआत 18वीं शताब्दी में इटली के नेपल्स शहर में हुई थी और यह वहां के गरीबों का भोजन हुआ करता था, जिसमें रोटी पर सब्जियां सजाकर इसे बनाया जाता था।
इसे नेपल्स के गरीब लोग बनाते थे क्योंकि यह सस्ता और आसानी से तैयार होने वाला खाना था।
शुरुआती पिज्जा पर केवल टमाटर, जैतून का तेल, लहसुन और बेसिल जैसी बेसिक टॉपिंग्स डाली जाती थीं। यह भोजन सरल, सस्ता और पेट भरने वाला था।
19वीं सदी में इटली की रानी ने इस पिज्जा को खाया और उन्हें यह बेहद पसंद आया। उनके नाम पर 'मार्गरिटा पिज्जा' बनाया गया, जिसमें टमाटर, मोज़ेरेला और बेसिल शामिल थे। इससे पिज्जा अमीरों के बीच लोकप्रिय हो गया।
इटैलियन प्रवासियों ने पिज्जा को अमेरिका पहुंचाया, जहां यह न्यूयॉर्क और शिकागो जैसे शहरों में लोकप्रिय हुआ। इसके बाद इसमें नए टॉपिंग्स और स्टाइल्स जोड़े गए।
धीरे-धीरे पिज्जा की डिमांड बढ़ने लगी। इसमें नए एक्सपेरिमेंट होने लगे, जैसे तरह-तरह की टॉपिंग्स और सामग्री का उपयोग।
आज, पिज्जा को दुनिया भर में फास्ट फूड चेन और हाई-एंड रेस्टोरेंट दोनों में परोसा जाता है।