निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। 4 दिन पहले बाबा को निमोनिया के चलते अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। वहीं मंगलवार को तबियत में सुधार होने के कारण सियाराम बाबा को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
बता दें कि सियाराम बाबा को लोग चमत्कारी संत के रूप में पूजते हैं। इनकें चमत्कारों के चलते भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लोग इनके दर्शन के लिए आते-रहते हैं। जानिए आखिर क्यों कहा जाता है बाबा को चमत्कारी...
खरगोन में नर्मदा के तट पर मौजूद तेली भट्यान में बाबा सियाराम अपने आश्रम में रहते है। वहां के लोगों का कहना है कि बाबा की उम्र 100 साल से भी ज्यादा है।
बाबा सियाराम को लोग ऐसे ही चमत्कारी नहीं कहते। चाहे कड़ाके की सर्दी हो या फिर झुलसा देने वाली गर्मी बाबा हमेशा सिर्फ एक लंगोट में ही रहते हैं।
कुछ सालों पहले सोशल मीडिया पर बाबा के चमत्कार का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा था। वीडियो में दावा किया जा रहा था कि, बाबा ने बिना माचीस के ही दिया जला लिया था। हालांकि की पत्रिका इस बात की पुष्टि नहीं करता है।
सियाराम बाबा को लेकर यह बात भी प्रचलित है कि बाबा 100 साल से ज्यादा की उम्र में लगातार 21 घंटों तक बिना चश्में के रामायण की चौपाई पढ़ते है।