कार्तवीर्य सहस्रार्जुन हैहय वंश के एक महान राजा थे, जो महिष्मती यानी महेश्वर से शासन करते थे।
उन्हें "सहस्रार्जुन" इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनकी हज़ार भुजाएं अपार शक्ति और ताकत का प्रतीक थीं।
बताया जाता है कि सहस्रार्जुन ने सात महाद्वीपों एवं ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त कर 85000 साल तक शासन किया था।
वायु पुराण के अनुसार, कार्तवीर्य ने लंका पर आक्रमण किया था और वहां रावण को बंदी बना लिया था।
सहस्रार्जुन का वध भगवान परशुराम द्वारा किया गया था जब उन्होंने उनके पिता और सप्तऋषि जमदग्नि का कामधेनु गाय को पाने के लिए सर काट दिया था।
परशुराम और सहस्रार्जुन के इस विवाद का उल्लेख महाभारत के वन पर्व में मिलता है।
सहस्रार्जुन भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का अवतार थे जिन्हे धरती पर भगवान परशुराम से युद्ध करने के लिए ही भेजा गया था।
खरगोन में एक शिव मंदिर है जिसका नाम भगवान राजराजेश्वर सहस्त्रार्जुन मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना सहस्त्रार्जुन ने की थी।
हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सहस्रबाहु जयंती मनाई जाती है।