जयपुर

कोटा की कचौरी। क्या बात है। रोजाना 4 लाख से ज्यादा कचौरी चटकर जाते हैं लोग।उदड़ की दाल से बनी इस कचौरी का स्वाद लाजवाब है।


Sanjay Kumar Srivastava

26 November 2024

अजमेर की कढ़ी कचौरी। कचौरी संग कढ़ी का काम्बिनेशन अजीब लगता है पर स्वाद ऐसा है कि आलोचक भी उंगलिया चाटते रह जाते हैं। बताया जाता है करीब 2 लाख कचौरी रोज बिकती हैं।

अलवर का अनूठा मिल्क केक। कलाकंद कहें या फिर मिल्क केक दूध से बनी मिठाई है, जिसका नाम सुनकर ही मुंह में पानी आ जाता है। इस मिठाई के मुरीद विदेशों में भी हैं।

जयपुर घेवर वो भी रबड़ी वाला। वाह-भाई-वाह। बात यहीं नहीं खत्म होती है। जयपुर तो राजस्थान के खाने का आइना है। इसके साथ ही मिश्री मावा भी काफी लोकप्रिय हैं।

बीकानेर के रसगुल्लों, भुजिया और पापड़ रिश्तों में जहां मिठास भरते है वहीं मन को भी संतुष्ट कर देते हैं। बीकानेरी भुजिया तो पूरी दुनिया में बीकानेरी नमकीन के नाम से मशहूर है।

भरतपुर की भुसावर तहसील के आचार विदेशों में भी लोकप्रिय है। कहा जाता है कि इस आचार को खाकर मुगल सम्राट अकबर भी मस्त हो जाते थे।

सवाईमाधोपुर के अमरूदों का जवाब नहीं। ये ‘पेडे‘ के नाम से मशहूर हैं। इन अमरूदों की ‘मिठास’ के विदेशी भी दीवाने हो गए हैं।