महिलाओं का दिमाग पुरुषों से अधिक जटिल होता है, जिससे उन्हें बेहतर नींद (Better sleep) की जरूरत होती है।
मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव नींद को प्रभावित करते हैं। ये बदलाव महिलाओं को थकावट और नींद की कमी का शिकार बना सकते हैं।
घर, परिवार और करियर की दोहरी जिम्मेदारियां महिलाओं पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक थकान होती है, और ज्यादा नींद की जरूरत होती है।
पर्याप्त नींद न केवल दिमाग को तरोताजा करती है, बल्कि दिल, पाचन, त्वचा और बालों की सेहत को भी बेहतर बनाती है। साथ ही, तनाव और अवसाद का खतरा कम करती है।
रोज एक ही समय पर सोने और उठने से शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक सही रहता है, जिससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
शांत, अंधेरा और ठंडा कमरा अच्छी नींद के लिए सबसे अनुकूल होता है। सोने से पहले आरामदायक चीजें, जैसे किताब पढ़ना या हल्का संगीत सुनना, लाभकारी हो सकता है।
सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से दूरी बनाएं। इनकी नीली रोशनी दिमाग को सक्रिय कर देती है, जिससे नींद में बाधा होती है।